Bareilly News : निलंबित इंस्पेक्टर रामसेवक की अग्रिम जमानत याचिका निरस्त, गिरफ्तारी की बढ़ी संभावना

UPT | वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय बरेली

Dec 26, 2024 00:29

बरेली देहात की फरीदपुर कोतवाली के निलंबित (सस्पेंड) इंस्पेक्टर रामसेवक की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते उनकी अग्रिम जमानत याचिका न्यायालय ने निरस्त (कैंसिल) कर दी है।

Bareilly News : यूपी के बरेली देहात की फरीदपुर कोतवाली के निलंबित (सस्पेंड) इंस्पेक्टर रामसेवक की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते उनकी अग्रिम जमानत याचिका न्यायालय ने निरस्त (कैंसिल) कर दी है। जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी की संभावनाएं बढ़ गई है। उन पर रिश्वतखोरी का आरोप है। 20 अगस्त 2024 की रात इंस्पेक्टर रामसेवक ने स्मैक तस्कर आलम, नियाज अहमद, और अशनूर को हिरासत में लिया था। आरोप है कि उन्होंने सात लाख रुपये की रिश्वत लेकर आलम और नियाज को छोड़ दिया। 

विशेष भ्रष्टाचार न्यायाधीश ने कैंसिल की जमानत
तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रामसेवक ने जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने बरेली न्यायालय में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। मगर, बताते हैं कि तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रामसेवक को बरेली में जिला जज सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार कक्ष संख्या एक सुरेश कुमार गुप्ता के न्यायालय में अग्रिम जमानत के प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। बताते हैं कि सुनवाई से पूर्व ही उनके अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र बल नही दिया गया। इसके बाद विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार सुरेश कुमार गुप्ता ने अग्रिम जमानत का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया। अग्रिम जमानत पर प्रार्थना निरस्त होने के बाद तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक राम सेवक की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। अब वह कभी भी न्यायालय में आत्मसमर्पण कर सकते हैं।

सरकारी आवास में गद्दे के नीचे मिले थे 10 लाख
फरीदपुर कोतवाली के पूर्व इंस्पेक्टर रामसेवक के आवास पर एसपी सिटी मानुष पारिक और क्षेत्राधिकारी (सीओ) गौरव यादव ने छापामारी की थी। इसमे तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रामसेवक के सरकारी आवास के गद्दे के नीचे से करीब 10 लाख रूपये बरामद हुए थे। यह रुपया दो तस्करों के छोड़ने के एवज में लेने के आरोप लगे थे। इस दौरान सीओ गौरव यादव को थाने के लॉकअप में बंद एक अन्य स्मैक तस्कर मिला था। हालांकि, इसका कोई रिकॉर्ड नही था। लॉकअप मे बंद स्मैक तस्कर का  कहना था कि उससे रूपये की व्यवस्था न होने के कारण लॉकअप में बंद कर दिया गया। पुलिस ने छापामारी कर तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रामसेवक थाने से फरार हो गए थे। उनके साथ सरकारी रिवाल्वर भी था उसको जमा न करने पर एक अन्य रिपोर्ट भी कोतवाली फरीदपुर में दर्ज की गई थी।


भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और सरकारी संपत्ति गबन का मुकदमा दर्ज 
एसएसपी अनुराग आर्य ने घटना के बाद रामसेवक को निलंबित कर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और सरकारी संपत्ति गबन के तहत दो मुकदमे दर्ज कराए थे। इंस्पेक्टर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।यह न्यायालय ने निरस्त कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने रामसेवक की संपत्ति की जांच के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी है। 

लखनऊ में दो आलिशान कोठी
आरोपी इंस्पेक्टर की संपत्ति की जांच में इंस्पेक्टर रामसेवक की लखनऊ में दो आलीशान कोठियां और उनके गांव में कई बीघा जमीन होने की बात सामने आई है। इसके बाद एसएसपी अनुराग आर्य ने सीओ हाईवे नितिन कुमार के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम गठित की है। इसमें एसओजी, सर्विलांस सेल, और साइबर सेल के अधिकारी शामिल हैं, जो रामसेवक की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटे हैं।

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