इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की बड़ी कार्रवाई : बस्ती के डीएम और डीपीआरओ पर लगाया 10 हजार रुपये का जुर्माना, जानें क्या है मामला 

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट। इनसेट में बस्ती के डीएम रवीश गुप्ता।

Sep 04, 2024 01:36

कोर्ट ने कहा कि विश्वास करना कठिन है कि हाईकोर्ट के आदेश को अधिकारी न मानें। इसे कोर्ट ने अवमानना मानते हुए आदेश दिया है कि याची के वेतन से कटौती नहीं की जाएगी।

‌Basti/Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बस्ती के डीएम पर बड़ी कार्रवाई की है। कोर्ट ने बस्ती के डीएम रवीश गुप्ता और डीपीआरओ पर 10 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। वेतन से सरचार्ज कटौती का आदेश रद्द होने के बाद भी वसूली की गई। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ सरचार्ज लगाते हुए वेतन से कटौती करने के डीएम के आदेश को हाईकोर्ट से रद्द होने के बावजूद वसूली जारी रखने को अवैध करार दिया।

कोर्ट ने अवमानना मानते हुए सख्त टिप्पणी की
इसे कोर्ट ने अवमानना मानते हुए सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि विश्वास करना कठिन है कि हाईकोर्ट के आदेश को अधिकारी न मानें। इसे कोर्ट ने अवमानना मानते हुए आदेश दिया है कि याची के वेतन से कटौती नहीं की जाएगी। जस्टिस जेजे मुनीर ने यह आदेश कुसुम लता सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका पर एडवोकेट शेख मुअज्जम ने पक्ष रखा। बस्ती निवासी याची पर डीएम ने 28 अक्टूबर 2022 को 8.70 लाख रुपये सरचार्ज लगाया था। साथ ही 10 हजार रुपये हर महीने वेतन से कटौती का आदेश दिया। याची के वेतन से 1.40 लाख की कटौती की जा चुकी है। याची ने डीएम के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। 

आदेश रद्द कर दिया गया तो वसूली कैसे सही : कोर्ट
हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी रवीश गुप्ता को दो माह में जांच कर नियमानुसार आदेश देने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी कटौती जारी रही। इस पर कुसुम लता सिंह ने दोबारा यह याचिका दायर की। कोर्ट ने डीएम से सफाई मांगी। बस्ती के डीएम की सफाई को कोर्ट ने अतार्किक बताते हुए नाराजगी जताई। कहा- जब आदेश रद्द कर दिया गया तो वसूली कैसे सही मानी जा सकती है।

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