Chitrakoot News : पूर्व डीएम पर लगाया नियम को ताक पर रख पालिका को जमीनें देने का आरोप, जांच की मांग

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Jul 09, 2024 23:04

चित्रकूट नगर के पूर्व वार्ड मेम्बर सुशील श्रीवास्तव ने जिले के एक पूर्व डीएम पर नगर पालिका अध्यक्ष के साथ मिलकर मुख्यालय की बेशकीमती जमीनों को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगाया है...

Chitrakoot News : चित्रकूट नगर के पूर्व वार्ड मेम्बर सुशील श्रीवास्तव ने जिले के एक पूर्व डीएम पर नगर पालिका अध्यक्ष के साथ मिलकर मुख्यालय की बेशकीमती जमीनों को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगाया है। पूर्व मेंबर का कहना है कि सरकारी जमीनों को बिना तरमीम कराये नगर पालिका को सौंपा गया है। उसकी जांच शासन स्तर से बेहद जरूरी हो गई है।

वार्ड मेंबर ने की जांच की मांग
मंगलवार को नगर के पूर्व वार्ड मेम्बर सुशील श्रीवास्तव ने बताया कि एक पूर्व जिलाधिकारी की खास मेहरबानी नगर पालिका अध्यक्ष पर रही है। जिसके चलते पशु विभाग व कलेक्ट्रेट समेत तुलसी स्मारक सभा की बेशकीमती जमीनों को नगर पालिका को बिना तरमीम के हैंडओवर कर दिया गया है। शासन से मंजूरी बिना ये कार्य हुए हैं। नगर के सुन्दरीकरण के नाम पर जिस तरह से पुराने कलेक्ट्रेट व पशु विभाग की जमीनों को नगर पालिका को बिना नियम-कानून के दी गई हैं, उसकी जांच बेहद जरूरी है। 

नियमों को ताक पर रखकर दी गई जमीन
पूर्व वार्ड मेंबर का आरोप है कि इसी प्रकार नगर पालिका कार्यालय के पीछे की बेशकीमती जमीन नगर पालिका का नया कार्यालय बनाने के लिए पूर्व जिलाधिकारी ने नियम-कानून को ताक में रखकर नगर पालिका को दे दिया। वहां हरे-भरे हजारों पेड लगे थे, सभी पेडों को नगर पालिका अध्यक्ष ने रातों-रात कटवा दिया है। तुलसी स्मारक सभा की जमीन आज भी अभिलेखों में तुलसी स्मारक सभा के नाम दर्ज है। तुलसी स्मारक सभा के सदस्य मुन्ना सिंह एड ने बताया कि ये जमीन डीएम की देखरेख में रहती थी। इसे डीएम को किसी को देने का अधिकार नहीं था। शासन से बिना नम्बर तरमीम कराये जमीन को नगर पालिका को देना पूरी तरह से कानूनन अवैध है। नगर पालिका को ये जमीन नये कार्यालय को लेना था, तो शासन से पहले मंजूरी लेते फिर उसका विधिवत अधिग्रहण होता। इस मामले की शासन स्तर से जांच हो तो कई बडे अधिकारी नपेंगे।

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