बाढ़ की चपेट में गोंडा : घाघरा का कहर जारी, खतरे के निशान से 89 सेमी ऊपर बह रही नदी, 25 गांव प्रभावित

UPT | घाघरा नदी का तांडव जारी

Sep 17, 2024 13:55

जिले के तरबगंज तहसील और करनैलगंज तहसील में घाघरा ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाया है और खतरे के निशान से 89 सेमी ऊपर पहुंच गई है। इससे नदी के किनारे बसे गांव और नदी के बीच में बसी आबादी बाढ़ के पानी से घिर गई है।

Gonda News : घाघरा नदी के उफान ने उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक बार फिर से तबाही मचा दी है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 89 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में भारी तबाही मची हुई है। प्रशासन के अनुसार, करनैलगंज और तरबगंज तहसीलों के 25 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, जिनमें से 10 गांवों की स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है।

किसानों को भारी नुकसान
नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण विभिन्न बैराजों से छोड़े जा रहे पानी ने घाघरा नदी को विकराल रूप दे दिया है। नदी में लगभग 3 लाख 69 हजार क्यूसेक पानी का प्रवाह हो रहा है, जिसने आसपास के क्षेत्रों में भारी तबाही मचा दी है। सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि नदी की भेंट चढ़ चुकी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

बचाव कार्य युद्ध स्तर पर
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 36,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 138 नावों की तैनाती की है, जो लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में मदद कर रही हैं। इसके अलावा, एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) और पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी) की बाढ़ राहत टीमें भी मौके पर तैनात की गई हैं।

बाढ़ के पानी से घिरे क्षेत्र
तरबगंज तहसील के सोनौली मोहम्मदपुर, साकीपुर गांव के कई पुरवे बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। इसी तरह, बहादुरपुर, एली परसौली, ब्यौंदा मांझा, नकहरा, और बहुवन मांझा जैसे गांवों की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है। बाढ़ के कारण इन क्षेत्रों में पशुओं के लिए चारे की भारी कमी हो गई है, जो एक अतिरिक्त चुनौती बन गई है।

बांधों की सुरक्षा को लेकर सतर्क 
स्थानीय प्रशासन बांधों की सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरत रहा है। सिंचाई विभाग के बाढ़ खंड, राजस्व विभाग के कर्मचारी और पुलिस की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। एली परसौली तटबंध सहित अन्य महत्वपूर्ण बांधों की सुरक्षा के लिए बोल्डर और बालू से भरी बोरियां लगाई जा रही हैं।

बाढ़ प्रभावितों की मदद
अपर जिला अधिकारी आलोक कुमार ने मीडिया को बताया कि प्रशासन बाढ़ प्रभावित लोगों की हर संभव मदद कर रहा है। उन्होंने कहा, "हम प्रभावित गांवों में प्रतिदिन राशन किट, लैंप और दवाओं का वितरण कर रहे हैं। साथ ही, बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करके मुआवजे का वितरण भी विभिन्न स्तरों पर किया जा रहा है।"

तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश
इस बीच, राज्य सरकार ने भी स्थिति पर गहरी नजर बनाए रखी है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भी सतर्क रहने और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

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