सरयू नदी में जलस्तर घटा : बाढ़ का प्रभाव कम होने के बाद उभरी नई समस्याएं, संक्रामक रोग और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचा बना मुसीबत

UPT | सरयू नदी जलस्तर घटा

Jul 15, 2024 18:47

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का प्रभाव कम हो रहा है, लेकिन इसके बाद भी बाढ़ प्रभावित जिलों में कई चुनौतियाँ का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के बाद अब जिलों में एक नए संकट आ मंडरा रहा है।

Short Highlights
  • सरयू नदी में जलस्तर घटाने के बाद नई समस्यों का खतरा बढ़ा
  • संक्रामक रोग और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचा बना लोगों की मुसीबत
  • 1,500 से अधिक लोगों का इलाज जारी
Gonda News : उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का प्रभाव कम हो रहा है, लेकिन इसके बाद भी बाढ़ प्रभावित जिलों में कई चुनौतियाँ का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ के बाद अब जिलों में एक नए संकट आ मंडरा रहा है। गोंडा और बाराबंकी जिलों में संक्रामक रोगों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। स्थानीय निवासी त्वचा संबंधी समस्याओं, आँखों में जलन, सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने तेजी कार्रवाई करते हुए दवाओं का वितरण शुरू कर दिया है और अब तक 1,500 से अधिक लोगों का इलाज किया जा चुका है।

बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त बुनियादी ढाँचा भी एक बड़ी चुनौती बन गया है। टूटी सड़कें, क्षतिग्रस्त पुल और जलमग्न रेलवे अंडरपास लोगों के दैनिक जीवन में बाधा डाल रहे हैं। इन परिस्थितियों के कारण आवागमन में काफी कठिनाइयाँ आ रही हैं। नदी कटान ने किसानों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है। माझा कम्हरिया क्षेत्र में लगभग 30 बीघा कृषि भूमि नदी में समा गई है। जिससे कई किसान परिवारों को आर्थिक नुकसान हुआ है। हालाँकि, प्रशासन इन चुनौतियों से निपटने के लिए सक्रिय है। जिला अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और राहत कार्यों को तेज किया गया है। बाढ़ का पानी कम होने के साथ, अब ध्यान पुनर्वास और स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्रित किया जा रहा है।

संक्रामक रोगों का प्रकोप बढ़ा
सरयू नदी के जलस्तर में कमी आने से बाढ़ का प्रभाव घट रहा है, लेकिन नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संक्रामक रोगों का प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग को सक्रिय किया गया है। गोंडा और बाराबंकी जिलों की सीमा पर स्थित गांवों में स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से फैल रही हैं। परसावल, नैपुरा, बेहटा, पारा, कमियार और माझा रायपुर जैसे गांवों में लोग त्वचा संबंधी समस्याओं, आंखों में जलन, सर्दी-जुकाम, बुखार और खांसी से पीड़ित हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने इन गांवों में दवाओं का वितरण किया है और अब तक लगभग 1,500 लोगों का इलाज किया जा चुका है। हालांकि बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है और गांवों में पानी का स्तर कम हो रहा है, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।

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खस्ताहाल सड़कें बनीं मुसीबत
क्षेत्र में खराब सड़कों की मरम्मत न होने से आम लोगों को आवागमन में गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अमृता खास और बैरा गांवों के बीच रपटुआ नदी के पुल के पास टूटी सड़क, बरसिया गांव के पास मुख्य सड़क पर टूटी पुलिया, और भैंससटा जलालपुर के पास बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़क अभी तक मरम्मत के इंतजार में हैं। इसके अलावा, चौसरा रोड पर जलभराव और बीसलपुर खुदागंज रोड से खांडेपुर मार्ग पर रम्पुरा मोड़ पर बाढ़ का पानी यातायात में बाधा डाल रहा है। कई गांवों के पास स्थित रेलवे अंडरपास भी जलभराव के कारण बंद हैं। इन समस्याओं के चलते लोगों को लंबे चक्कर लगाने पड़ रहे हैं और चार पहिया वाहनों का आवागमन बाधित हो रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों में भारी असंतोष है।

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30 बीघा खेत नदी में समायें
सरयू नदी के जलस्तर में तेजी से गिरावट आने के बावजूद, तहसील क्षेत्र के माझा कम्हरिया में कटान का प्रभाव बढ़ गया। इस कटान के कारण लगभग 30 बीघा कृषि भूमि नदी में समा गई, जिससे करीब एक दर्जन किसानों को आर्थिक नुकसान हुआ। हालांकि नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 92 सेंटीमीटर नीचे दर्ज किया गया, फिर भी स्थिति गंभीर बनी रही। इस स्थिति को देखते हुए, जिला मजिस्ट्रेट अविनाश सिंह ने अन्य अधिकारियों के साथ माझा कम्हरिया और अराजी देवारा का दौरा किया और वहां की परिस्थितियों का जायजा लिया।

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अब बाढ़ का पानी कम
गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने जनपद की बाढ़ स्थिति पर बताया कि जनपद के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि बाढ़ का पानी अब कम हो रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी संबंधित विभाग समन्वित प्रयास कर रहे हैं और आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राशन वितरण का कार्य व्यापक स्तर पर किया गया है और यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। इसके साथ ही, जल निकासी का कार्य भी चल रहा है। शर्मा ने आश्वासन दिया कि स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है और राहत कार्य जारी हैं।

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