Gorakhpur News : जमीन घोटाले में पूर्व तहसीलदार सहित 17 लोगों पर मुकदमा दर्ज, वर्तमान एसडीएम भी आरोपी

UPT | मुकदमा दर्ज

Jun 28, 2024 10:31

न्यायपालिका के एक महत्वपूर्ण फैसले ने प्रशासनिक व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार पर एक बार फिर से प्रकाश डाला है। एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, स्थानीय अदालत ने एक पूर्व तहसीलदार और सब रजिस्ट्रार सहित 17 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

Gorakhpur News : गोरखपुर के गोला क्षेत्र में एक बड़े जमीन घोटाले का मामला सामने आया है। गुरुवार को गोला पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर 17 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में पूर्व तहसीलदार सुनीता गुप्ता और सब रजिस्ट्रार धीरेंद्र प्रसाद सहित कई सरकारी अधिकारी और स्थानीय लोग शामिल हैं।

ये था मामला
घटना की जड़ें जनवरी 2022 तक जाती हैं, जब कथित तौर पर एक बुजुर्ग महिला की जमीन का अवैध बैनामा कराया गया। सुअरज गांव के निवासी दीपक सिंह ने अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी मां फुलवासी देवी के नाम पर दर्ज जमीन पर बैंक लोन होने के बावजूद कुछ लोगों ने धोखे से उसका बैनामा करा लिया।

फुलवासी देवी ने केसीसी लोन लिया था
शिकायत के अनुसार, फुलवासी देवी ने जून 2018 में यूनियन बैंक से 10 लाख रुपये का किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी ) लोन लिया था। बाद में, उनकी उम्र के कारण मानसिक क्षमता कमजोर हो जाने का फायदा उठाकर, गांव के कुछ लोगों ने मिलकर दिसंबर 2021 में महज 60 हजार रुपये में जमीन का बैनामा करा लिया। इसमें पूर्व ग्राम प्रधान कमलेश सिंह और उनके परिवार के सदस्यों का नाम सामने आया है।

जमीन बंधक होने का तथ्य दर्ज नहीं किया
मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जनवरी 2022 में बैंक द्वारा तहसीलदार को जमीन के बंधक होने की सूचना दी गई थी। इसके बावजूद, मार्च 2022 में आरोपियों के पक्ष में दाखिल खारिज करा दिया गया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि तहसील के कर्मचारियों की मिलीभगत से खतौनी में जमीन के बंधक होने का तथ्य दर्ज नहीं किया गया।

वर्तमान में गोला तहसील में तैनात तहसीलदार बृजमोहन शुक्ल ने बताया कि आरोपी सुनीता गुप्ता अब वाराणसी में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं, जबकि धीरेंद्र प्रसाद हमीरपुर में एआईजी स्टांप के रूप में सेवारत हैं। यह तथ्य मामले की गंभीरता को और बढ़ा देता है।

कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया
गोला के सीओ रत्नेश्वर सिंह ने पुष्टि की है कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच प्रक्रिया शुरू हो गई है। पुलिस सभी पहलुओं की बारीकी से जांच कर रही है, जिसमें बैंक लोन, बैनामा प्रक्रिया, और तहसील कार्यालय में हुई अनियमितताएं शामिल हैं।

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