कुशीनगर में इंसानियत शर्मसार : अस्पताल का बिल चुकाने के लिए पिता ने किया बच्चे का सौदा, पुलिस ने सकुशल बरामद किया

UPT | पीड़ित परिवार

Sep 07, 2024 17:32

एक निजी अस्पताल में नॉर्मल प्रसव के बाद अस्पताल संचालक ने चार हजार रुपये की मांग की। अस्पताल में पैसे की कमी के कारण प्रसूता और नवजात को बंधक बना लिया गया, जिसके बाद पिता को मजबूरी में अपने बेटे को बेचना पड़ा...

Short Highlights
  • कुशीनगर में मजबूर पिता ने दो साल के बेटे का किया सौदा
  • अस्पताल ने प्रसूता और नवजात को बनाया बंधक
  • सिपाही ने पीड़ित को कार्रवाई का डर दिखाकर लिए पैसे
Kushinagar News : कुशीनगर जनपद से इंसानियत को शर्मनार कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां बरवापट्टी क्षेत्र के एक गांव में एक गरीब आदमी को अपनी पत्नी और नवजात बच्चे को अस्पताल से छुड़ाने के लिए अपने दो साल के बेटे को बेचना पड़ा। एक निजी अस्पताल में नॉर्मल प्रसव के बाद अस्पताल संचालक ने चार हजार रुपये की मांग की। अस्पताल ने पैसे की कमी के कारण प्रसूता और नवजात को बंधक बना लिया गया, जिसके बाद पिता को मजबूरी में अपने बेटे को बेचना पड़ा। हालांकि बाद में पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद करने का दावा किया है।
महिला और नवजात को अस्पाल में बनाया गया बंधक
दरअसल, दशहवा भेड़िहारी गांव निवासी हरेश पटेल की पत्नी लक्ष्मीना देवी को प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद हरेश अपनी पत्नी को गांव के एक निजी अस्पताल में ले गया, जहां प्रसव तो सामान्य था, लेकिन शाम को अस्पताल संचालक ने चार हजार रुपये की मांग की। जब तुरंत पैसे नहीं दिए गए, तो प्रसूता और नवजात को बंधक बना लिया गया। इसके बाद हरेश ने आर्थिक तंगी के चलते एक महिला से संपर्क किया जिसने उसके पांचवें नंबर के दो वर्षीय बेटे राजा को 20 हजार रुपये में खरीदने की पेशकश की।



घर पर बच्चे को न पाकर महिला ने जताई चिंता
हरेश ने परेशान होकर अपनी रात भर की चिंता के बाद सुबह अपने बेटे को 20 हजार रुपये में बेच दिया और अस्पताल के संचालक को चार हजार रुपये देकर अपनी पत्नी और नवजात को छुड़ाया। घर लौटने पर लक्ष्मीना ने बेटे को न देखकर चिंता जताई, तब हरेश ने अपनी बेबसी और पूरी घटना का खुलासा किया।

सौदेबाजों ने दिखाई चालाकी
वहीं, सौदेबाजों ने इस विकृत लेन-देन को कागजी रूप देने के लिए स्टांप पेपर पर गोदनामा लिखा और हरेश से अंगूठा लगवाकर उसे सही करवाया। उन्होंने हरेश को यह भी सलाह दी कि अगर किसी ने पूछा, तो वह यही कहे कि बच्चे को गोद लिया है। इस तरह, पूरी प्रक्रिया को छुपाने की कोशिश की गई।

सिपाही ने कार्रवाई का डर दिखाकर पांच हजार हड़पे
दूसरी तरफ, जब गांव में इस घटना की चर्चा शुरू हुई, तो एक सिपाही बाइक से हरेश के घर पहुंचा। हरेश ने बताया कि सिपाही ने बच्चे को बेचने के मामले में कार्रवाई की धमकी देकर पांच हजार रुपये ले लिए। सिपाही की इस हरकत के कारण गांव में चर्चा हो रही है। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक ने सिपाही के खिलाफ जांच का आदेश दिया है।

आरोपियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा के अनुसार, बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया है। इस घटना की जांच के लिए सीओ तमकुहीराज को निर्देशित किया गया है। अस्पताल संचालक और जिस महिला ने सौदे की व्यवस्था की, उनकी तलाश की जा रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस मामले में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

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