महाराजगंज में ठंड का असर : जिला अस्पताल में 1370 मरीज पहुंचे, 270 को निमोनिया और कोल्ड डायरिया

UPT | जिला अस्पताल, महराजगंज

Jan 08, 2025 12:22

महाराजगंज जिले में सर्दी के बढ़ते प्रभाव के कारण जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ठंड के मौसम में वायरस का संक्रमण फैलने से निमोनिया और कोल्ड डायरिया जैसी बीमारियों ने बच्चों और बुजुर्गों को अधिक प्रभावित किया है। अस्पताल में संसाधनों पर दबाव बढ़ गया है, और मरीजों के इलाज के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं।

Maharajganj News : महराजगंज जिले में सर्दी के तेवरों से स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि हो रही है। जिला अस्पताल में पिछले कुछ दिनों में निमोनिया और कोल्ड डायरिया के रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखने को मिल रही है। अस्पताल में प्रतिदिन रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, जिससे अस्पताल के संसाधनों पर दबाव बढ़ गया है। 

जिला अस्पताल में रोगियों की संख्या
वर्तमान में जिला अस्पताल में लगभग 1370 रोगी उपचार के लिए पहुंचे हैं, जिनमें से 270 मरीज गले में खराश, सर्दी, खांसी, बुखार और निमोनिया जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं। इन सभी रोगियों का इलाज डॉक्टरों की देखरेख में किया जा रहा है। जिन बच्चों को गंभीर हालत में भर्ती किया गया है, उन्हें उपचार के लिए विशेष देखभाल दी जा रही है। 

आईसीयू और एसएनसीयू में भर्ती बच्चों की संख्या
जिला अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) और नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में भी मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। आईसीयू में 31 बेड की क्षमता के मुकाबले 28 रोगी भर्ती हैं, जबकि एसएनसीयू में 32 बेड की क्षमता में 38 नवजात बच्चों को भर्ती किया गया है। बढ़ते रोगियों के कारण अस्पताल में एक बेड पर दो बच्चों को भर्ती करके उनका इलाज किया जा रहा है। 

ठंड में बच्चों की सेहत पर असर
सर्दी के मौसम में वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर अधिक असर पड़ रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, ठंड के मौसम में छोटी सी लापरवाही से बच्चों की सेहत बिगड़ सकती है, जिससे वे निमोनिया, वायरल बुखार, खांसी, गले में खराश और कोल्ड डायरिया जैसी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। 

बच्चों और बुजुर्गों को विशेष देखभाल की आवश्यकता
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एपी भार्गव ने बताया कि इस समय बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष सावधानी बरतना आवश्यक है। निमोनिया, जो फेफड़ों का संक्रमण है, वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है, और कोल्ड डायरिया बच्चों में दस्त की समस्या पैदा कर सकता है। ऐसे लक्षणों के दिखने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। 

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