यूपी में अब दूध मिलावटखोरों की खैर नहीं : गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई, रजिस्ट्रेशन जरूरी

UPT | गोरखपुर।

Sep 13, 2024 01:17

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दूध और दूध उत्पादों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राज्य के दूधियों को आईकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा, जिसकी शुरुआत गोरखपुर से हुई है।

Short Highlights
  • पंजीकरण नहीं कराने पर 2 लाख रुपये का जुर्माना
  • दूध विक्रेताओं के लिए आईकार्ड अनिवार्य
Gorakhpur News : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दूध और दूध उत्पादों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राज्य के दूधियों को आईकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा, जिसकी शुरुआत गोरखपुर से हुई है। खाद्य एवं रसद विभाग दूधियों को आईकॉर्ड जारी कर रहा है। दूधियों को विभाग में पंजीकरण कराना होगा, जिसके लिए फीस निर्धारित की गई है। पंजीकरण नहीं कराने पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

दूध बेचने के लिए पंजीकरण जरूरी
उत्तर प्रदेश में दूध और दूध उत्पादों में मिलावट पर रोक लगाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब दूध विक्रेताओं को आईकॉर्ड पहनना अनिवार्य होगा, जिसे खाद्य विभाग जारी करेगा। गोरखपुर में इसकी शुरुआत हो चुकी है, जहां बिना आईकॉर्ड के दूध बेचना संभव नहीं होगा। दूध विक्रेताओं को विभाग में पंजीकरण कराना होगा, जिसका शुल्क तय किया गया है। पंजीकरण नहीं कराने पर लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। यह कदम दूध और दूध उत्पादों में मिलावट के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है।

दूध विक्रेताओं के लिए आईकार्ड अनिवार्य
उत्तर प्रदेश में दूध और दूध उत्पादों में मिलावट के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब दूध विक्रेताओं को आईकॉर्ड पहनना अनिवार्य होगा, जिसे खाद्य विभाग जारी करेगा। गोरखपुर में इसकी शुरुआत हो चुकी है, जहां बिना आईकॉर्ड के दूध बेचना संभव नहीं होगा। दूध विक्रेताओं को विभाग में पंजीकरण कराना होगा, जिसका शुल्क तय किया गया है। पंजीकरण नहीं कराने पर लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। यह कदम मिलावट पर नकेल कसने के लिए उठाया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को शुद्ध दूध और दूध उत्पाद मिल सकें।

पंजीकरण न कराने पर नोटिस
खाद्य सुरक्षा विभाग ने दूध विक्रेताओं के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए विभाग की टीम शिविर लगाकर पंजीकरण कराएगी। जो विक्रेता पंजीकरण नहीं कराएंगे, उन्हें पहले नोटिस दिया जाएगा और फिर दूध जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने उपभोक्ताओं से कहा है कि वे सीधे विभाग के व्हाट्सएप नंबर पर शिकायत कर सकते हैं, जिसका निस्तारण उसी दिन होगा। इसके अलावा, उपभोक्ता अपने दूध की जांच विभाग के कार्यालय पर मौजूद टेस्टिंग वैन से भी करा सकते हैं।

मिलावट पर 2 लाख तक का जुर्माना
डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि दूध विक्रेताओं के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा और नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पंजीकरण नहीं कराने पर न्यायालय में मुकदमा दर्ज किया जाएगा और मिलावट की पुष्टि होने पर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। पंजीकरण के लिए 100 रुपये की फीस निर्धारित की गई है और दूधियों को परिचय पत्र लेकर चलना अनिवार्य होगा। मिलावट करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है और सख्त कार्रवाई की जाएगी। दूध विक्रेताओं ने इस पहल का स्वागत किया है, लेकिन दूध के मूल्य को भी तय करने की मांग की है।

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