मानसून ने दी दस्तक :  झमाझम बारिश से खिले लोगों के चेहरे, भीषण गर्मी से मिली राहत

UPT | बारिश होते हुए

Jun 24, 2024 19:06

गोरखपुर सहित पूर्वांचल में मानसून ने दस्तक दे दी है। इस मानसून से किसानों को जहां खेती करने के लिए राहत मिली है, वहीं गर्मी और उमस से आम जनमानस को भी निजात मिली है...

Gorakhpur News : गोरखपुर सहित पूर्वांचल में मानसून ने दस्तक दे दी है। इस मानसून से किसानों को जहां खेती करने के लिए राहत मिली है, वहीं गर्मी और उमस से आम जनमानस को भी निजात मिली है। बीते कई दिनों से उमस और भीषण गर्मी के कारण लोग बेहाल थे। लेकिन सोमवार को दोपहर में मानसून की दस्तक से लोगों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है। झमाझम हुई बारिश से मौसम सुहावना हो गया है। 

बीते कई दिनों के बाद बारिश होने से तापमान में गिरावट
सोमवार की दोपहर में तेज बारिश होने से अधिकतम तापमान बीते दिन के मुकाबले लगभग 6 से 7 डिग्री सेल्सियस तक गिरकर 36 डिग्री सेल्सियस तक आ गया है। न्यूनतम तापमान भी 23 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। वहीं सोमवार को अधिकतम तापमान का आंकड़ा औसत से 8 डिग्री सेल्सियस कम रिकार्ड किया गया। इस बीच 10 से 15 किलोमीटर की गति से चली पुरवा हवाओं ने वातावरण को शीतलता प्रदान की।

बारिश होने से काफी दिनों बाद बाजार में दिखी रौनक 
बारिश के बाद से शहर के लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली। जिसका असर बाजारों पर भी देखने को मिला। सोमवार को शहर के प्रमुख बाजार गोलघर, रेती चौक, असुरन, सिनेमा रोड तथा अन्य प्रमुख बाजारों में मौसम ठंड होने के बाद भीड़ देखने को मिली। जून के पहले दिन से पड़ रही भीषड़ गर्मी में जहां कूलर और एसी ने भी काम करना बंद कर दिया था। वहीं, अब पंखे में भी राहत मिल रही है। बारिश के बाद से ही तापमान में 8 डिग्री तक की गिरावट आई है और असमान में बादल देखने को मिल रहे हैं। जिससे लू का भी असर काफी कम हो गया है।

उमस बढ़ने से परेशानी
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट होने की संभावना है। इन दिनों दोपहर के समय खासकर 12 से 4 बजे तक सूरज की तपन चरम पर रही है। जिससे सड़कों पर सन्नाटा देखने को मिलता है। रविवार से मौसम का मिजाज बदल गया है। कभी धूप तो कभी बदल आ जा रहे हैं। बादल आने से धूप तो कम हुई है, लेकिन उमस थोड़ी बढ़ गई है।

बारिश से खिले किसानों के चेहरे
दोपहर में हुई यह बारिश फसलों के लिए संजीवनी का काम करेगी। इस समय सभी फसलों के लिए बारिश की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस की जा रही थी। बारिश न होने के कारण धान की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे थे और फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा था। वही इस बारिश से धान समेत सभी फसलों को संजीवनी मिली है।

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