Gorakhpur News : एमएमएमयूटी का दीक्षांत समारोह, 19 मेधावियों को मेडल, जानें राज्यपाल ने क्या कहा...

UPT | मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन।

Aug 30, 2024 02:18

खबर गोरखपुर से है, जहां मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में गुरुवार को 9वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल 19 मेधावियों को अपने हाथों से स्वर्ण पदक...

Gorakhpur News : खबर गोरखपुर से है, जहां मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में गुरुवार को 9वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल 19 मेधावियों को अपने हाथों से स्वर्ण पदक दिए। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के बहुउद्देशीय हाल में हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि इसरो के पूर्व निदेशक एस. नबी नारायण रहे। 1426 विद्यार्थियों को डिग्री और 36 को पीएचडी की उपाधि मिली।

डिग्री की सार्थकता राष्ट्र विकास में योगदान
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडल और डिग्री हासिल करने वाले, छात्रों और शोधार्थियों के लिए इस डिग्री का असली महत्व तब है, जब इसका लाभ राष्ट्र और समाज के उत्थान में भी दिखाई दे। उन्होंने कहा कि डिग्रियां पाकर नौकरी के लिए खुद को तैयार कर लेना बहुत अच्छी बात है। लेकिन, अपनी डिग्री का उपयोग करते हुए कुछ ऐसे अनुसंधान और शोध के क्षेत्र में खुद को आगे बढ़ना चाहिए, जिससे देश का मान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो सके। बेरोजगारों को रोजगार का अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है, जब संकल्प लेकर तय लक्ष्य की ओर आगे बढ़ा जाए। 

भारत के पास मजबूत युवा शक्ति 
राज्यपाल ने कहा कि भारत के पास एक मजबूत युवा शक्ति है। जिसके बल पर भारत दुनिया का सिरमौर बन सकता है। जापान आज भले ही बहुत आगे है, लेकिन वहां पर युवाओं की तादाद बेहद कम है। ऐसे में इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के सामने देश और समाज को आगे ले जाने का बड़ा अवसर है। राज्यपाल गुरुवार को मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के नौवें दीक्षांत समारोह को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के छात्रों को कई अन्य विधाओं पर भी काम करने की जरूरत है। उन्हें ऑर्गेनिक उत्पादन और दवाइयों के कम से कम उपयोग पर भी काम करने की जरूरत है। स्वयं सहायता समूह के लोगों के बीच बैठकर महिलाओं को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है, इस पर भी काम करने की जरूरत है। 

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