झांसी के नवोदय विद्यालय में रैगिंग से परेशान छात्रा ने की आत्महत्या : सीनियर छात्राओं पर प्रताड़ित करने का आरोप

फ़ाइल फोटो | अनुष्का पटेल

Sep 30, 2024 02:41

अनुष्का, जो गुरसराय के भदरवारा गांव की रहने वाली थी, नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी। शुक्रवार को उसने अपने माता-पिता को फोन कर बताया कि उसकी सीनियर छात्राएं उसे बार-बार परेशान करती हैं।

Jhansi News : झांसी के बरुआसागर स्थित नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाली कक्षा-9 की छात्रा अनुष्का पटेल (13 वर्ष) ने रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। शुक्रवार और शनिवार को उसने कई बार अपने माता-पिता को फोन कर सीनियर छात्राओं द्वारा किए जा रहे मानसिक उत्पीड़न की जानकारी दी थी, लेकिन परिजन ने इसे हल्के में लिया। अंततः शनिवार रात को छात्रा ने हॉस्टल की सीढ़ियों पर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

रैगिंग का दर्द और घर लौटने की लगातार गुहार
अनुष्का, जो गुरसराय के भदरवारा गांव की रहने वाली थी, नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही थी। शुक्रवार को उसने अपने माता-पिता को फोन कर बताया कि उसकी सीनियर छात्राएं उसे बार-बार परेशान करती हैं। सीनियर उससे जबरन काम करवाती थीं, जैसे कमरे में खाना मंगवाना, और उस पर मानसिक दबाव डालती थीं। अनुष्का ने अपनी मां से कहा कि वह घर लौटना चाहती है, लेकिन माता-पिता ने उसे समझाया और सबके साथ रहने की सलाह दी।

शनिवार को फिर सीनियर छात्राओं ने उसके साथ बदसलूकी की 
शनिवार को इस मानसिक उत्पीड़न का स्तर और बढ़ गया, जब सीनियर छात्राओं ने उसके साथ फिर बदसलूकी की। अनुष्का ने फिर अपने पिता से संपर्क किया और उन्हें तुरंत हॉस्टल बुलाया, लेकिन परिवारजन इस स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ सके और हॉस्टल नहीं गए।

आत्महत्या की सूचना और जांच
शनिवार रात, जब बाकी छात्राएं हॉस्टल के मैस में खाना खा रही थीं, तब अनुष्का वहां नहीं पहुंची। बाद में जब छात्राएं वापस आ रही थीं, तो उन्होंने सीढ़ियों के पास मोबाइल की टॉर्च जलती हुई देखी। प्रधानाचार्य को इसकी सूचना दी गई, जिसके बाद उन्होंने वहां पहुंचकर देखा कि अनुष्का सीढ़ी की रेलिंग से दुपट्टे के सहारे लटकी हुई थी। पुलिस को तुरंत बुलाया गया, लेकिन मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।

एसपी सिटी ने क्या कहा
एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि अनुष्का ने अपनी मां को फोन पर दो सीनियर छात्राओं के नाम भी बताए थे, जो उसे परेशान कर रही थीं। फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।

परिजन बोले-अगर समय पर पहुंचते तो बच जाती जान 
अनुष्का के पिता जयहिंद पटेल को शनिवार रात 9:30 बजे के करीब उनकी बेटी की आत्महत्या की खबर मिली। इस दुखद खबर ने उनके जीवन में एक गहरा सदमा दे दिया। अस्पताल पहुंचने पर बेटी को सफेद चादर में लिपटा देख उसकी मां बिलख उठी। माता-पिता अब इस बात का मलाल कर रहे हैं कि अगर वे अनुष्का की बात सुनकर उसे दिन में हॉस्टल से ले जाते, तो उसकी जान बच सकती थी।

रोते हुए फोन पर कहा था कि वह हॉस्टल में सुरक्षित महसूस नहीं कर रही 
शनिवार को अनुष्का ने दोपहर में भी अपनी मां से रोते हुए फोन पर कहा था कि वह हॉस्टल में सुरक्षित महसूस नहीं कर रही और उसे वहां से ले जाया जाए। लेकिन माता-पिता ने इसे बच्चों का सामान्य झगड़ा समझकर नज़रअंदाज कर दिया। अब, इस दुखद घटना के बाद, परिवार इस दर्द से जूझ रहा है कि शायद समय रहते वे अपनी बेटी की पीड़ा को समझ पाते, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।

स्कूल में रैगिंग की घटनाओं पर सख्त कदम की जरूरत
यह घटना नवोदय विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी रैगिंग की गंभीरता को उजागर करती है। रैगिंग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी छात्रों को गहरे घाव देती है, और इस मामले में इसका परिणाम एक मासूम छात्रा की जान गंवाने के रूप में सामने आया है। ऐसे मामलों में समय रहते उचित कार्रवाई और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासद घटनाओं को रोका जा सके।

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