Kanpur News: कानपुर प्राणी उद्यान विलुप्त प्रजाति के कछुओं को कर रहा संरक्षित, चंबल नदी में बाटागुर कछुओं का हो रहा शिकार

UPT | कानपुर प्राणी उद्यान

May 23, 2024 10:02

कानपुर प्राणी उद्यान विलुप्त हो रही कछुओ की प्रजाति को संरक्षित कर रहा है। विलुप्त होने वाली प्रजाति के 45 कछुओं को संरक्षित किया गया है। इसके साथ ही उनके प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण दिया जा रहा है। 

Kanpur News: यूपी का कानपुर प्राणी उद्यान वन्यजीवों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है। देश में कई प्रजाति के कछुए वि​लुप्त होने की कगार पर हैं। यूपी में साल प्रजाति यानि बाटागुर कछुओं पर संकट गहराया है। चंबल नदी में पाया जाने वाला बाटागुर कछुओं का अधाधुंध शिकार होने की वजह विलुप्त हो रहे हैं। कछुओं को पर्यावरण का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता है। कानपुर प्राणी उद्यान विलुप्त हो रही कछुओं की प्रजातियों को संरक्षित कर रहा है।

कानपुर चिड़ियाघर के निदेशक केके सिंह की देखरेख में जू परिसर में विभिन्न प्रजातियों के 45 कछुओं संरक्षित कर उन्हें प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण दिया जा रहा है। ​प्राणी उद्यान के उपनिदेशक डॉ अनुराग सिंह ने बताया कि कैंपस में बाटागुर प्रजाति के दस, कठावल प्रजाति के दो, चित्तिदार प्रजाति के 25, एशियाई प्रजाति के आठ, सुंदरी प्रजाति के एक कछुए को संरक्षित किया गया है।

सब्जी—मछली का सेवन कर रहे कछुए
प्राणी उद्यान में संरक्षित किए शाकाहारी कछुओं को ककड़ी, खीरा, लौकी, बंद गोभी दी जा रही है। वहीं, मांसाहारी कछुओं का मनपसंद भोजन मछली है। सप्ताह में 8 से 10 किलो सब्जी और 21 किलो मछली दी जाती है। ताकि सभी कछुए सेहतमंद बने रहें।

प्रजनन दर में इजाफा
कानपुर चिड़ियाघर गंगा किनारे बसा है, जिसकी वजह से कछुओं को यहां का वातावरण पसंद आ रहा है। चिड़िया घर में कछुओं की प्रजनन दर बढ़ी है। झील में इस समय 150 से ज्यादा कछुए विचरण कर रहे हैं।
 

Also Read