Kannauj News: सपा विधायक नसीम सोलंकी के खिलाफ परिवाद दाखिल, मंदिर में जलाभिषेक का मामला पहुंचा कोर्ट

UPT | सांकेतिक तश्वीर

Nov 26, 2024 11:00

कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा विधायक नसीम सोलंकी के खिलाफ परिवाद दाखिल किया गया है। नसीम सोलंकी पर वनखंडेश्वर मंदिर में जलाभिषेक और पूजा पाठ कर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। नसीम सोलंकी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

Short Highlights
  • सीसामऊ उपचुनाव में सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी वनखंडेश्वर मंदिर में दर्शन करने गईं थीं।
  • बीजेपी कार्यकर्ता धीरज चड्ढा ने नसीम के खिलाफ परिवाद दाखिल किया।
  • कोर्ट ने नोटिस जारी कर सपा विधायक नसीम सोलंकी से मांगा जवाब।
Kanpur News: यूपी के कानपुर में नवनिर्वाचित विधायक नसीम सोलंकी के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है। नसीम सोलंकी उपचुनाव के प्रचार के दौरान वनखंडेश्वर मंदिर में जलाभिषेक और पूजा अर्चना की थी। इस मामले में जेएम अष्टम ने नसीम सोलंकी को अपना पक्ष रखने का अवसर देते हुए नोटिस जारी की है। इस मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।

स्वरूप नगर के आश्रय अपार्टमेंट निवासी धीरज चड्ढा ने जेएम अष्टम की कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है। जिसमें धीरज चड्ढा की तरफ से कहा गया है कि वह वनखंडेश्वर मंदिर दर्शन करने के लिए जाते हैं। दो नवंबर की दोपहर दो बजे वह चुनाव प्रचार के दौरान मंदिर में दर्शन करने के लिए रुका था। मैंने देखा कि सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी जो धर्म से मुस्लिम हैं, और मांस मछली का सेवन करती हैं।

वादी पक्ष ने लगाए आरोप 
नसीम सोलंकी कभी दर्शन करने मंदिर नहीं जाती हैं। उन्होंने ने जनता को गुमराह करने के मकसद से हिंदू धर्म के लोगों को ठेस के लिए बिना हाथ पैर धोए अपने साथियों के साथ मंदिर में प्रवेश किया। शिवलिंग को स्पर्श करते हुए जल चढ़ाया। वहां मौजूद लोगों ने रोका तो नसीम सोलंकी और उनके साथ आए लोग लड़ने पर आमादा हो गए। आरोप लगाया कि नसीम सोलंकी ने झूठे मुक़दमें में फंसाने की धमकी दी है।

धार्मिक आस्था पर बताया आघात 
इस तरह से उन्होंने जानबुझ कर हिन्दुओं की धार्मिक आस्था पर आघात किया है। इसे लेकर उन्होंने शिवलिंग को गंगा जल से धुलवाने की बात नसीम सोलंकी से कही, मामले में यंग लायर्स एसोसिएशन महामंत्री रतन अग्रवाल और सुनील राठौर ने बताया कि बीएनएस की धारा 298 के तहत कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया है। इसमें दोषी पाए जाने पर दो वर्ष की सजा और पांच हजार रूपए के जुर्माने का प्रावधान है।

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