Smart Meter : देश में 80 फीसदी स्मार्ट प्रीपेड मीटर के कंपोनेंट चीन निर्मित, जांच में जुटा मंत्रालय, यूपी में बेहद खराब हालत

UPT | स्मार्ट प्रीपेड मीटर

Dec 27, 2024 18:24

गोपनीय रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि देश में 80 प्रतिशत स्मार्ट प्रीपेड मीटर में कम्युनिकेशन मॉड्यूल चीन निर्मित हैं। पूरे भारत में कम्युनिकेशन माड्यूल सप्लाई करने वाली कुछ कंपनियों को लेकर ये सच उजागर हुआ है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) के पीपीपी मॉडल के विरोध में ऊर्जा संगठनों की लड़ाई के बीच स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनियों का खेल जारी है। ये कंपनियां स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में सरकार की गाइडलाइन का खुला उल्लंघन कर रही हैं। यूपीपीसीएल प्रबंधन के सामने कई बार इसका खुलासा हो चुका है, इसके बावजूद जिम्मेदार दबाव में कार्रवाई करने से बच रहे हैं।

पांच प्रतिशत चेक मीटर लगाने के नियमों की उड़ाई जा रहीं धज्जियां
प्रदेश में सभी बड़े स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले निजी घराने उपभोक्ताओं के घर पर बहुत तेजी से मीटर लगा रहे हैं। इस वजह से सभी बिजली कंपनियों में 5 लाख से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग चुके हैं। लेकिन, अभी तक महज 6000 से 7000 चेक मीटर ही लगे हैं, जबकि भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत 5 प्रतिशत उपभोक्ताओं के घर में पुराने मीटर को ही चेक मीटर के रूप में परिवर्तित कर तीन महीने तक मीटर रीडिंग का मिलान करना है। हैरानी वाली बात है कि आज तक इसका मिलान नहीं कराया गया है।



उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष की यूपीपीसीएल के एमडी और डॉयरेक्टर से मुलाकात
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने इस संबंध में पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार व निदेशक वाणिज्य निधि कुमार नारंग से शक्ति भवन में मुलाकात की। उन्होंने भारत सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन कर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगे मीटर को चेक मीटर में नहीं परिवर्तित करने सहित चेक मीटर और स्मार्ट प्रीपेड मीटर की रीडिंग का मिलान नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया। इस पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने भरोसा दिलाया कि इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और भारत सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन कराया जाएगा।

एमटी सीटी टेस्ट व साइबर सिक्योरिटी टेस्ट करने की मांग
उपभोक्ता परिषद ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन व उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि सबसे पहले सभी स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियों की एमटी सीटी टेस्ट व साइबर सिक्योरिटी टेस्ट का खुलासा किया जाए। इससे पता चलेगा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर के अंदर चीनी कंपोनेंट है या नहीं। यह मामला बेहद गंभीर है। जांच के बाद स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगी कि उपभोक्ताओं के साथ किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है।

गोपनीय रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
इस बीच एक बेहद चौंकाने वाला मामला पूरे देश में सामने आया है, जिसको लेकर भारत सरकार का संचार मंत्रालय सतर्क हो गया है। एक गोपनीय रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि देश में 80 प्रतिशत स्मार्ट प्रीपेड मीटर में कम्युनिकेशन मॉड्यूल चीन निर्मित हैं। पूरे भारत में कम्युनिकेशन माड्यूल सप्लाई करने वाली कुछ कंपनियों को लेकर ये सच उजागर हुआ है। ये बेहद गंभीर विषय है, क्योंकि यह मामला सीधे नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा हुआ है।

चाइनीज कंपोनेंट लगाकर घटिया क्वालिटी के मीटर की सप्लाई
अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता परिषद लगातार यह मुद्दा उठा रहा है कि उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियां ज्यादातर चाइनीज कंपोनेंट अपने मीटर के अंदर लगाकर घटिया क्वालिटी का मीटर सप्लाई कर रही है। इसका खामियाजा सीधे तौर पर प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ सकता है। इससे ऊर्जा सेक्टर पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में इसकी गहनता से जांच कराया जाना बेहद जरूरी है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियां बड़े निजी घरानों के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर सप्लाई कर रही हैं। वह ये भूल जाएं कि उपभोक्ता परिषद निजीकरण की संवैधानिक लड़ाई में जुटा है और इस माहौल में घटिया मीटर सप्लाई करने की छूट मिल जाएगी। साथ ही पावर कारपोरेशन प्रबंधन कंपनियों को कुछ नहीं बोलेगा। अध्यक्ष ने कहा कि उपभोक्ता परिषद की सब पर नजर है। घटिया क्वालिटी सप्लाई करने वालों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा।

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