यूपी में इलेक्ट्रिसिटी इमरजेंसी जैसे हालात : दिन का सुकून और रातों की नींद गायब, पूरब से पश्चिम तक लोग बेहाल, सड़कों पर प्रदर्शन

UPT | लखनऊ में सड़कों पर प्रदर्शन

May 29, 2024 14:00

भीषण गर्मी के बीच बिजली की मांग बढ़ने से इलेक्ट्रिसिटी इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं। दिन का सुकून और रातों की नींद गायब हो गई है। लोग सड़कों पर प्रदर्शन करके गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच बिजली की मांग बढ़ने और बार-बार कटौती होने से लोग परेशान हैं। लखनऊ समेत प्रदेश के कई हिस्सों में इलेक्ट्रिसिटी इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं। जिन इलाकों में ट्रिपिंग ज्यादा हो रही है, वहां लोगों का दिन का सुकून और रातों की नींद गायब हो गई है। लोग सड़कों पर प्रदर्शन करके गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।

नौतपा में रिकॉर्ड तोड़ रही गर्मी
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही ने बताया कि अगले दो तीन दिन तापमान 44-45 डिग्री के आसपास बना रहेगा। यूपी के कई शहरों में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। अभी 48 घंटे तक ऐसे ही मौसम के बने रहने के आसार हैं। उमसभरी गर्मी में बिजली न मिलने से लोग बेहाल हैं।

तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा 
यूपी में मंगलवार को पीक ऑवर में बिजली की मांग 29261 मेगावाट पर पहुंच गई। यह नया रिकॉर्ड बना है। शहरी इलाके में उपभोक्ता रात्रिकालीन स्थानीय फॉल्ट से परेशान हैं। विभिन्न जिलों में कटौती का दौर जारी है। बिजलीकर्मियों का तर्क है कि अधिक लोड होने की वजह से यह समस्या आ रही है। लखनऊ में रात्रिकालीन कटौती की वजह से लगातार बवाल हो रहा है। रायबरेली, देवरिया, जौनपुर, औरैया, इटावा, बांदा, बुलंदशहर समेत कई जिलों में लोग हंगामा कर रहे हैं। 

हर जिले में कटौती से मचा बवाल
राजधानी लखनऊ में रात्रिकालीन कटौती की वजह से लगातार बवाल हो रहा है। जौनपुर, रायबरेली, देवरिया, औरैया, इटावा, बांदा, बुलंदशहर सहित अन्य जिलों में भी उपभोक्ताओं के सड़क पर उतरने की सूचना है। उपभोक्ताओं का तर्क है कि वे भार के अनुसार बिजली बिल भुगतान कर रहे हैं। इसके बाद भी उमस भरी गर्मी में बिजली न मिलने से बेहाल हैं। लोगों की शिकायत है कि दिन में धूप परेशान करती है और रात में कटौती से चैन से सोना भी मुश्किल बना दिया है। इन दिनों कटौती से पहले से सूचना  नहीं दी जा रही। विभागीय अधिकारी इसे लोकल फॉल्ट का नाम दे रहे हैं। 

असल दिक्कत कहां है?
अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर का कहना है हर दिन बिजली की मांग बढ़ रही है। ऐसे में ट्रांसफार्मर के ओवरलोड होने से ट्रिपिंग और फुंकने की समस्या आती है। ऐसे में ऊर्जा निगम प्रबंधन, उत्पादन निगम, ट्रांसमिशन, वितरण निगम से लेकर क्षेत्रीय स्तर तक काम करने वाली टीम के लिए ज्यादा सजगता जरूरी है। वहीं, उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा कहते हैं कि सिर्फ कागजों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है। हर साल गर्मी बढ़ने पर ये समस्या आती है तो विभाग को पहले से तैयारी करनी चाहिए। उनके अनुसार, अंडरग्राउंड केबिल की गुणवत्ता और घटिया किस्म के बंच कंडक्टर भी सवालों के घेरे में हैं।

तो विभाग क्या कर रहा?
यूपी पावर कॉरपोरेशन की ओर से प्रदेश के सभी प्रबंध निदेशकों एवं मुख्य अभियंताओं को हालात संभालने के निर्देश दिए गए हैं। कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने निर्देश दिया है कि ओवरलोडिग, क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को लेकर अलर्ट रहें। गर्मी से परेशान जनता को उनकी मांग के अनुसार बिजली उपलब्ध कराने को कहा गया है। मध्यांचल, पश्चिमांचल, दक्षिणांचल, पूर्वांचल और केस्को के अधिकारियों से समय-समय पर क्षेत्रवार जानकारी ली जा रही है। 

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