अनी बुलियन घोटाला : ईडी ने विशेष सीबीआई अदालत में चार्जशीट की दाखिल, निवेशकों में जगी रिफंड की उम्मीद

UPT | Enforcement Directorate

Dec 16, 2024 20:16

अनी बुलियन कंपनी ने निवेशकों को 20 से 40 प्रतिशत तक के अधिक रिटर्न का भरोसा दिलाकर लाखों लोगों से करोड़ों रुपये जमा करवाए। लेकिन, कुछ समय बाद कंपनी ने भुगतान रोक दिया और यह एक बड़ा घोटाला साबित हुआ। ईडी ने 2019 में इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत एफआईआर दर्ज की थी।

Lucknow News : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनी बुलियन कंपनी के बहुचर्चित घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए लखनऊ स्थित स्पेशल सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई का रास्ता साफ कर दिया है। इस कदम से लाखों निवेशकों को उनके करोड़ों रुपये वापस मिलने की उम्मीद जागी है।

भारी मुनाफे का लालच देकर ठगी
अनी बुलियन कंपनी ने निवेशकों को 20 से 40 प्रतिशत तक के अधिक रिटर्न का भरोसा दिलाकर लाखों लोगों से करोड़ों रुपये जमा करवाए। लेकिन, कुछ समय बाद कंपनी ने भुगतान रोक दिया और यह एक बड़ा घोटाला साबित हुआ। ईडी ने 2019 में इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत एफआईआर दर्ज की थी। लखनऊ, अयोध्या, सुलतानपुर और बाराबंकी समेत कई जिलों में कंपनी के खिलाफ 100 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं। शाइन सिटी घोटाले के पीड़ितों को कोर्ट की निगरानी में रिफंड प्रक्रिया के जरिए राहत मिली थी। इसी तरह, अनी बुलियन केस में भी 2025 तक पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद की जा रही है।



ट्रायल शुरू होने के बाद जारी किया जाएगा नोटिस
कोर्ट के ट्रायल शुरू होने के बाद सार्वजनिक नोटिस जारी किया जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक निवेशकों को अपनी रसीदें, पहचान पत्र और निवेश प्रमाण पत्र तैयार रखने चाहिए। नोटिस के बाद पीड़ित रिफंड क्लेम दाखिल कर सकेंगे। ईडी ने अब तक दिल्ली, लखनऊ और अमेठी में स्थित 20 से अधिक संपत्तियों और भूखंडों को जब्त किया है। इन संपत्तियों की अनुमानित कीमत 7 करोड़ रुपये से अधिक है। बताया जा रहा है कि जब्त संपत्तियों का उपयोग पीड़ितों को रिफंड देने में किया जाएगा।

आईएफएस अधिकारी का नाम भी घोटाले में
अनी बुलियन के संचालक अजीत गुप्ता और उनकी पत्नी, भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी निहारिका सिंह पर निवेशकों को धोखाधड़ी से फंसाने का आरोप है। निवेशकों ने एफआईआर में दावा किया है कि निहारिका ने प्रधानमंत्री और अन्य बड़े नेताओं के साथ अपनी तस्वीरें दिखाकर भरोसा दिलाया। लखनऊ में गोमतीनगर के डॉक्टर दंपत्ति ने एफआईआर दर्ज कराई कि निहारिका और अजीत ने उनकी बेटी के इलाज के दौरान विश्वास जीतकर 1.86 करोड़ रुपये का निवेश करवाया। पहले कुछ रिटर्न मिले, लेकिन बाद में भुगतान रुक गया। इस मामले में अनी बुलियन ट्रेडर्स और आई विजन इंडिया क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड दोनों कंपनियों के खिलाफ ईडी की जांच जारी है। अब तक करोड़ों की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। एसटीएफ ने आईएफएस अधिकारी के पति अजीत कुमार गुप्ता को जुलाई 2020 में गिरफ्तार किया था। अनी बुलियन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निहारिका सिंह की 2.03 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों को जब्त कर चुकी है। इसमें निहारिका सिंह के बैंक खाते में जमा नकदी, एफडीआर और बाराबंकी में कृषि भूमि को जब्त किया जा चुका है।

150 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप
अनी बुलियन ने यूपी, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मिडल-क्लास और धनाढ्य परिवारों को निशाना बनाया। कंपनी पर 150 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप है। यूपी एसटीएफ ने जुलाई 2020 में अजीत गुप्ता को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। इसके बाद, ईडी ने जांच तेज की और कंपनी की संपत्तियां जब्त कीं। अब चार्जशीट दाखिल होने के बाद कोर्ट जल्द ही ट्रायल शुरू कर सकती है। ट्रायल के दौरान, पब्लिक नोटिस जारी कर पीड़ितों से रिफंड क्लेम मांगा जाएगा।

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