अनी बुलियन कंपनी ने निवेशकों को 20 से 40 प्रतिशत तक के अधिक रिटर्न का भरोसा दिलाकर लाखों लोगों से करोड़ों रुपये जमा करवाए। लेकिन, कुछ समय बाद कंपनी ने भुगतान रोक दिया और यह एक बड़ा घोटाला साबित हुआ। ईडी ने 2019 में इस मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत एफआईआर दर्ज की थी।