पहले बने बैंक मैनेजर, फिर फाइनेंस अफसर बन की ठगी : एकेटीयू से 120 करोड़ का साइबर फ्रॉड इस तरह दिया गया अंजाम

UPT | एकेटीयू से 120 करोड़ का साइबर फ्रॉड

Jun 19, 2024 17:26

लखनऊ की अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से 120 करोड़ रुपये ठगे जाने का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। हर कोई ये जानना चाह रहा है कि आखिर इतने बड़े संस्थान के साथ साइबर फ्रॉड की इस घटना का कैसे अंजाम दिया गया।

Short Highlights
  • एकेटीयू से 120 करोड़ का साइबर फ्रॉड
  • फर्जी ईमेल का किया इस्तेमाल
  • ठगी के पैसे से नैनीताल की ट्रिप
Lucknow News : लखनऊ की अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से 120 करोड़ रुपये ठगे जाने का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। हर कोई ये जानना चाह रहा है कि आखिर इतने बड़े संस्थान के साथ साइबर फ्रॉड की इस घटना का कैसे अंजाम दिया गया। आपको बता दें कि इस घटना में आरोपियों ने बड़ी ही साफगोई से अपनी हर एक चाल चली। स्कैम करने के बाद वे उसी पैसे से नैनीताल भी घूमने गए।

कैसे की आरोपियों ने ठगी?
जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने सबसे पहले यूनियन बैंक का ब्रांच मैनेजर बनकर एकेटीयू के अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ब्रांच मैनेजर के फर्जी विजिटिंग कार्ड का भी इस्तेमाल किया। आरोपियों ने अधिकारियों को एफडी का झांसा दिया, इस पर राजी होने के बाद उसने 3 जून ो एकेटीयू के नाम से एक फर्जी खाता यूनियन बैंक में खुलवाया।



फर्जी ईमेल का किया इस्तेमाल
आरोपी कितने शातिर थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने बैंक के ईमेल से मिलता-जुलता ही फर्जी ईमेल तैयार किया था। इसके बाद उसने इसी ईमेल से एकेटीयू को ईमेल भेजा। एकेटीयू ने इसके आधार पर 120 करोड़ रुपये स्टेट बैंक से यूनियन बैंक में ट्रांसफर कर दिए। फिर आरोपियों ने एकेटीयू का फाइनेंस अधिकारी बनकर फर्जी ईमेल से यूनियन बैंक को मेल किया और 120 करोड़ रुपये अपने फर्जी खाते में ट्रांसफर करवा लिए।

कैसे खुली मामले की पोल?
रकम काफी बड़ी थी, इसलिए उसे निकलना आसान नहीं था। लेकिन इसका भी जुगाड़ आरोपियों ने निकाल लिया। उन्होंने एक चेक बुक निकालकर पूरे 120 करोड़ रुपये गुजरात के श्री श्रद्धा एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के खाते में ट्रांसफर कर दिए। एक ही दिन में इतनी बड़ी रकम निकलने पर यूनियन बैंक के अधिकारियों ने एकेटीयू में जाकर संपर्क किया, तब मामले की पूरी पोल खुली। जानकारी लगते ही बैंक ने ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी।

ठगी के पैसे से नैनीताल की ट्रिप
आरोपियों ने ट्रस्ट के जिस खाते में रकम ट्रांसफर की थी, उसमे नेट बैंकिंग की सुविधा नहीं थी। इसलिए वह केवल 1 करोड़ रुपये की निकाल सके। इन पैसों ने उन्होंने एक ग्रांड विटारा कार खरीदी और नैनीताल घूमने चले गए। गनीमत ये रही कि घटना का खुलासा हो गया, वरना आरोपियों ने 300 करोड़ रुपये की एफडी करने की बात तय की थी। 120 करोड़ के बाद शेष 180 करोड़ रुपये भी ट्रांसफर किए जाने थे। लेकिन ये साजिश नाकाम हो गई। इस घटना में पुलिस ने गिरीश चंद्रा, शैलेश रघुवंशी, जोशी देवेंद्र प्रसाद, केके त्रिपाठी, दस्तगीर आलम, उदय पटेल और राजेश बाबू को गिरफ्तार किया है।

Also Read