लखनऊ वालों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए जाकिर हुसैन ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें सिखाया था कि हर वाद्ययंत्र सरस्वती का रूप है। इसकी इज्जत करना और इसे खेल समझने की गलती न करना। उन्होंने कहा था, 'हर वाद्य में रूह बसती है। अच्छा कलाकार बनने के लिए वाद्ययंत्र की इज्जत करना जरूरी है।'