बीबीएयू : शोध में वायु प्रदूषण सहन करने वाले 20 पौधों की पहचान, पर्यावरण संरक्षण में निभाएंगे अहम भूमिका

UPT | बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय।

Nov 07, 2024 22:32

बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के संकाय सदस्यों द्वारा एक अध्ययन में 20 ऐसे पौधों की पहचान की गई है, जिनकी वायु प्रदूषण को सहन करने की क्षमता उच्च है।

Lucknow News : बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के संकाय सदस्यों द्वारा एक अध्ययन में 20 ऐसे पौधों की पहचान की गई है, जिनकी वायु प्रदूषण को सहन करने की क्षमता उच्च है। इन पौधों को राजमार्गों के किनारे लगाया जा सकता है ताकि वायु प्रदूषण से निपटने में मदद मिल सके। यह शोध स्प्रिंगर नेचर के जर्नल एयर क्वालिटी, एटमॉस्फियर एंड हेल्थ में प्रकाशित हुआ है।

इस पौधों में वायु प्रदूषण को सहन करने की क्षमता  
शोध के अनुसार इन 20 पौधों में ओलियंडर (गुलाबी कनेर), सप्तपर्णा, करंज, ग्रे मोल्ड, रामफल, अरंडी, नीम, अशोक, कदंब, पीपल, चंपा, आम, अमरूद, अमलतास, हरसिंगार, तुरही का फूल, हिबिस्कस, उग्र कोस्टस, चिनार और अर्लीफ बबूल जैसे पौधे शामिल हैं।



ये पौधे प्रदूषण रोकने में सक्षम    
प्रोफेसर नरेंद्र कुमार के नेतृत्व में किए गए इस शोध में पौधों की जैव रासायनिक संरचना और उनके सामाजिक आर्थिक गुणों को ध्यान में रखते हुए वायु प्रदूषण के प्रति उनकी सहनशीलता का अध्ययन किया गया। शोधकर्ताओं ने वायु प्रदूषण सहनशीलता सूचकांक (एपीटीआई) के आधार पर पौधों को संवेदनशील, अंतःसहिष्णु और सहिष्णु श्रेणियों में वर्गीकृत किया। सहिष्णु श्रेणी में आने वाले पौधे प्रदूषण को सहने और उसे रोकने में अधिक सक्षम पाए गए हैं।

पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका 
प्रोफेसर नरेंद्र के अनुसार इस शोध में उन पौधों को प्राथमिकता दी गई जो प्रदूषण रोकने में प्रभावी हैं और जिनकी पत्तियां चौड़ी और खुरदरी होती हैं, जो धूल को आसानी से पकड़ सकती हैं। उन्होंने बताया कि ये पौधे धूल को 40-80 प्रतिशत तक रोक सकते हैं और राजमार्गों के किनारे इन पौधों से हरित पट्टी बनाना एक पर्यावरण-अनुकूल समाधान हो सकता है।

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