CAG Report Uttar Pradesh : यूपी के 55 निकायों-प्राधिकरणों की 343 ऑडिट रिपोर्ट लंबित, कैग ने उठाए सवाल 

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Aug 05, 2024 00:19

लखनऊ विकास प्राधिकरण, वाराणसी विकास प्राधिकरण, मुरादाबाद विकास प्राधिकरण और फिरोजाबाद-शिकोहाबाद विकास प्राधिकरण की छह-छह ऑडिट रिपोर्ट लंबित है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट जहां अच्छे संकेत देती नजर आ रही है। वहीं भारत के नियंत्रक एवं लेखा महानिरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कई सवाल उठाए गए हैं। कैग की रिपोर्ट में प्रदेश के 55 निकायों और विकास प्राधिकारणों की ऑडिट रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण आपत्ति जताई गई है। इनकी करीब 343 ऑडिट रिपोर्ट लंबित है।

ऊर्जा विभाग की एक और वन विभाग की तीन रिपोर्ट लंबित
कैग के मुता​बिक ऊर्जा विभाग की एक और वन विभाग की तीन रिपोर्ट लंबित है। इसके अलावा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण और गोरखपुर विकास प्राधिकरण की एक-एक, प्रयागराज विकास प्राधिकरण, आगरा विकास प्राधिकरण, मेरठ विकास प्राधिकरण, हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण, मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण, अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण और कानपुर विकास प्राधिकरण की तीन ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं की गई। 

लखनऊ विकास प्राधिकरण की छह ऑडिट रिपोर्ट लंबित
लखनऊ विकास प्राधिकरण, वाराणसी विकास प्राधिकरण, मुरादाबाद विकास प्राधिकरण और फिरोजाबाद-शिकोहाबाद विकास प्राधिकरण की छह-छह ऑडिट रिपोर्ट लंबित है। वहीं अलीगढ़ की तीन और बरेली, रायबरेली व सहारनपुर की छह-छह ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं की गई है।  

उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 18 ऑडिट रिपोर्ट पेंडिंग
इसके साथ ही यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की एक, अवस्थापना व औद्योगिक विकास प्राधिकरण की पांच, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की छह, सथारिया औद्योगिक विकास प्राधिकरण, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 18-18 और लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण की वर्ष 2005-06 से 2020-21 की 16 ऑडिट रिपोर्ट अभी तक पेंडिंग है।

यूपी भवन व सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की 27 रिपोर्ट पेंडिंग
इसके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की 17 ऑडिट रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं की गई है। वहीं यूपी भवन व सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की 1996-97 से 2022-23 के बीच 27 रिपोर्ट इतने वर्षों बाद भी पेडिंग हैं। 

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