नगर आयुक्त के हस्तक्षेप के बाद ठेकेदारों और नगर निगम के बीच वार्ता हुई, जिसके बाद ठेकेदारों को भुगतान के आश्वासन पर मामला कुछ शांत हुआ। हालांकि, इसी दौरान एक ठेकेदार लेखा विभाग में फिर से हंगामा करने लगा, जिसके चलते पुलिस को बुलाकर उसे शांत कराया गया और उसके बाद उसे थाने भेज दिया गया।