विधेयक पर गरमाई राजनीति : 'वक्फ पर उफ्फ...', डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष को दी सख्त नसीहत

UPT | डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

Aug 08, 2024 16:38

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लिखा, "वक्फ पर विपक्ष को 'उफ' नहीं करना चाहिए।

Lucknow News : लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को पेश किए जाने के बाद से ही राजनीतिक हलकों में घमासान मचा हुआ है। जहां एक ओर सरकार इसे सुधारात्मक कदम के रूप में देख रही है, वहीं विपक्ष इस विधेयक को संविधान और संघवाद पर सीधा हमला मानकर इसका पुरजोर विरोध कर रहा है। इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष को कड़ी नसीहत दी है।

डिप्टी सीएम ने विपक्ष को दी नसीहत
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लिखा, "वक्फ पर विपक्ष को 'उफ' नहीं करना चाहिए। मोदी सरकार हर क्षेत्र में सुधारों के प्रति संकल्पित है।" मौर्य का यह बयान तब आया जब विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में इस विधेयक के खिलाफ जोरदार हंगामा किया।
  सपा का विधेयक पर दिखा विरोध
रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने लोकसभा में इस विधेयक के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने कहा, "मुस्लिमों के साथ यह अन्याय क्यों किया जा रहा है? यह सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है और यह कदम एक ऐतिहासिक भूल साबित होगी। इसका खामियाजा हमें सदियों तक भुगतना पड़ेगा।" नदवी ने यह भी चेतावनी दी कि अगर यह कानून पारित होता है, तो अल्पसंख्यक समुदाय खुद को असुरक्षित महसूस करेगा, जिससे जनता दोबारा सड़कों पर उतर सकती है।



मोहसिन रजा ने विधेयक का किया स्वागत
दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और बीजेपी के मुस्लिम चेहरे मोहसिन रजा ने इस विधेयक का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "हम इस बिल का स्वागत करते हैं। पुराना वक्फ कानून कांग्रेस की देन थी, जो कि गलत था। वक्फ बोर्ड का गठन वक्फ संपत्तियों के संरक्षण के लिए किया गया था, और इस संशोधन से वक्फ संपत्तियों का बेहतर संरक्षण संभव होगा।"

क्या है वक्फ?
वक्फ एक ऐसी चल या अचल संपत्ति होती है जिसे इस्लाम धर्म को मानने वाला व्यक्ति धार्मिक कार्यों के लिए दान कर सकता है। इस दान की गई संपत्ति का कोई व्यक्तिगत मालिक नहीं होता; इसे अल्लाह की संपत्ति माना जाता है। वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और संचालन विशेष संस्थानों द्वारा किया जाता है, जो इस संपत्ति का उपयोग धार्मिक और जनहित के कार्यों के लिए करते हैं। वक्फ संपत्तियों का उपयोग अक्सर मस्जिद, मदरसा, कब्रिस्तान, और अन्य सामाजिक कल्याण के कार्यों में किया जाता है, और इनका उद्देश्य सामुदायिक भलाई होता है।

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