लखनऊ के निजी अस्पतालों में छापेमारी : डॉक्टर नदारद, मानकों के अनुरूप नहीं मिला बायोमेडिकल वेस्ट, नोटिस जारी

UPT | CMO Lucknow

Nov 16, 2024 11:16

सीएमओ टीम के नोडल अधिकारी डॉ. एपी सिंह और उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केडी मिश्रा ने निरीक्षण अभियान की अगुवाई की। जांच के दौरान द यूनिक हॉस्पिटल, बालागंज अस्पताल, स्टार हॉस्पिटल, मेडलाइफ हॉस्पिटल और ऑक्सीजन हॉस्पिटल की स्थिति की समीक्षा की गई। बालागंज अस्पताल को छोड़कर किसी भी अन्य अस्पताल में पूर्णकालिक चिकित्सक मौजूद नहीं थे।

Lucknow News : ठाकुरगंज इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की टीम ने पांच निजी अस्पतालों पर छापा मारा। इनमें से सिर्फ एक अस्पताल में ही डॉक्टर मिला, जबकि बाकी अस्पतालों में स्टाफ के स्तर पर मरीजों का इलाज किया जा रहा था। बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण में भी गंभीर लापरवाही पाई गई।

ठाकुरगंज क्षेत्र के पांच प्रमुख अस्पतालों पर छापा
सीएमओ टीम के नोडल अधिकारी डॉ. एपी सिंह और उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केडी मिश्रा ने निरीक्षण अभियान की अगुवाई की। जांच के दौरान द यूनिक हॉस्पिटल, बालागंज अस्पताल, स्टार हॉस्पिटल, मेडलाइफ हॉस्पिटल और ऑक्सीजन हॉस्पिटल की स्थिति की समीक्षा की गई। बालागंज अस्पताल को छोड़कर किसी भी अन्य अस्पताल में पूर्णकालिक चिकित्सक मौजूद नहीं थे।



बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण में लापरवाही
जांच के दौरान यूनिक हॉस्पिटल में डेंगू मरीजों के इलाज के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा था। यहां बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण मानक के अनुरूप नहीं था। बालागंज अस्पताल में मरीजों के अभिलेख अधूरे पाए गए और फार्मेसी पर पंजीकृत फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति मिली।

स्टार हॉस्पिटल और प्रशिक्षु जीएनएम
स्टार हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज डॉक्टर के बिना ही हो रहा था। यहां प्रशिक्षु जीएनएम मरीजों का उपचार कर रही थीं।

मेडलाइफ हॉस्पिटल और एचआईवी मरीज की सुरक्षा
मेडलाइफ हॉस्पिटल में एमबीबीएस डॉक्टर की अनुपस्थिति दर्ज की गई। एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के जैविक अपशिष्ट के निस्तारण में मानकों का पालन नहीं हो रहा था।

ऑक्सीजन हॉस्पिटल की स्थिति
ऑक्सीजन हॉस्पिटल में भी कोई पूर्णकालिक डॉक्टर मौजूद नहीं था। यहां की रैंप की स्थिति अत्यधिक फिसलनयुक्त पाई गई, जिससे उसमें सुधार की आवश्यकता बताई गई।

जवाब तलब और कार्रवाई की चेतावनी
नर्सिंग होम के नोडल अधिकारी डॉ. एपी सिंह ने बताया कि पांच में से केवल एक अस्पताल में कुशल डॉक्टर मिला। अस्पतालों को नोटिस जारी कर संतोषजनक जवाब देने के लिए कहा गया है। यदि उत्तर संतोषजनक नहीं होता है, तो अस्पतालों के संचालन पर रोक लगाई जा सकती है।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दरकार, प्राइवेट हॉस्पिटल के नाम पर मनमानी
इस छापेमारी में राजधानी के निजी हॉस्पिटल में मरीजों की सेहत से खिलवाड़ को उजागर किया है। सरकारी अस्पतालों में भीड़ और बेड नहीं मिलने से लेकर अन्य समस्याओं को लेकर लोग प्राइवेट हॉस्पिटल में जाने को मजबूर हैं। लेकिन, यहां मनमाने तरीके से रुपये वसूलने के बाद भी सही तरह से इलाज नहीं मिल रहा है। खास तौर से शहर के दूर दराज के इलाकों में खोले गए प्राइवट नर्सिंग कॉलेजों की स्थिति बेहद खराब है। इन अस्पतालों में लापरवाही और मानकों का पालन न करने से मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा बना हुआ है।

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