आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच सालों में कार्यालय रखरखाव का खर्च 314 करोड़ रुपये से बढ़कर 1100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। दस्तावेजों और पुस्तकों के रखरखाव पर खर्च भी बढ़कर 13 लाख से 2.60 करोड़ रुपये हो गया है। यह बढ़ोत्तरी दर्शाती है कि स्थानीय निकायों के प्रशासनिक खर्च में भी इजाफा हुआ है।