GST चोरी रोकने को ई-वे बिल की जांच में तेजी : कई जिलों के अफसरों के खिलाफ गोपनीय जांच शुरू

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Nov 16, 2024 08:50

शासन ने सभी एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 और ग्रेड-2 को आदेश दिया है कि राज्य जीएसटी की हर इकाई रोजाना 50 ई-वे बिलों की स्कैनिंग करे। पूरे प्रदेश में स्टेट जीएसटी की 150 इकाइयों के माध्यम से कुल मिलाकर 7500 ई-वे बिलों की जांच की जा रही है। जिन इकाइयों ने लक्ष्य से कम स्कैनिंग की है, उनसे जवाब मांगा गया है।

Lucknow News : प्रदेश सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत टैक्स चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अहम निर्णय किया है। शासन ने रोजाना 7500 ई-वे बिलों की जांच करने का आदेश जारी किया है। विशेष रूप से पान मसाला, तंबाकू और अन्य संवेदनशील जिंसों के ई-वे बिल की जांच अनिवार्य की गई है। यह कदम उन मामलों के चलते उठाया गया है, जहां कम जांच के कारण टैक्स चोरी के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

14 अधिकारियों पर चल रही गोपनीय गाज
रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी बिलों की कम जांच के चलते कानपुर के दो वरिष्ठ अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके साथ ही गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ, मेरठ, बनारस और मुरादाबाद के अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। कुल 14 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गोपनीय जांच चल रही है।



प्रत्येक इकाई पर 50 बिलों की जिम्मेदारी
शासन ने सभी एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 और ग्रेड-2 को आदेश दिया है कि राज्य जीएसटी की हर इकाई रोजाना 50 ई-वे बिलों की स्कैनिंग करे। पूरे प्रदेश में स्टेट जीएसटी की 150 इकाइयों के माध्यम से कुल मिलाकर 7500 ई-वे बिलों की जांच की जा रही है। जिन इकाइयों ने लक्ष्य से कम स्कैनिंग की है, उनसे जवाब मांगा गया है।

एक ही ई-वे बिल से बार-बार माल सप्लाई का फर्जीवाड़ा
जीएसटी विभाग के लिए ई-वे बिल से होने वाला फर्जीवाड़ा एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। हाल ही में दिल्ली की एक पान मसाला फर्म द्वारा गोरखपुर में एक ही ई-वे बिल का इस्तेमाल करके आठ बार माल की आपूर्ति की गई। इस प्रकार की घटनाएं दर्शाती हैं कि टैक्स चोरी के लिए फर्जी दस्तावेजों और बोगस फर्मों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है।

इनमें सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा, संवेदनशील वस्तुएं निगरानी में
जानकारी के अनुसार, सबसे अधिक फर्जीवाड़ा तंबाकू, पान मसाला, स्क्रैप, लोहा, मेंथाल, सीमेंट, इलेक्ट्रिकल उत्पाद और रेडीमेड गारमेंट्स जैसे सामानों में हो रहा है। इसीलिए इन जिंसों के ई-वे बिल की स्कैनिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

ई-चालान के सत्यापन के लिए नई तकनीक
ई-चालान की सत्यता जांचने के लिए जीएसटीएन ने एक नया हाईटेक एप्लिकेशन विकसित किया है। इस एप्लिकेशन के माध्यम से क्यूआर कोड का उपयोग करके ई-चालान को प्रमाणित किया जा सकता है। शासन ने विशेष रूप से पान मसाला, तंबाकू और स्क्रैप के ई-वे बिलों की जांच के लिए यह तकनीक लागू की है। कानपुर में ई-वे बिलों की कम स्कैनिंग के लिए दो वरिष्ठ अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है।

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