केजीएमयू ट्रामा सेंटर के प्रभारी सीएमएस बने डॉ. प्रेमराज सिंह : संदीप तिवारी के इस्तीफे बाद नियुक्ति का आदेश जारी

UPT | किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय।

Aug 24, 2024 00:30

केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी का इस्तीफा काफी हैरान करने वाला रहा। उनके अचानक इस्तीफा देने की वजह केजीएमयू के ट्रामा सेंटर प्रशासन को भी समझ में नहीं आई। इस वजह से कहा गया कि कुलपति ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। हालांकि, अब डॉ. प्रेमराज सिंह को प्रभारी सीएमएस बना दिया गया है।

Lucknow News : किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर का प्रभारी डॉ. प्रेमराज सिंह को बनाया गया है। विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर प्रो. सोनिया नित्यानंद ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी के इस्तीफा देने के बाद डॉ. प्रेमराज सिंह को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनसे तत्काल प्रभाव से इसे संभालने को कहा गया है।

डॉ. संदीप तिवारी के इस्तीफा देने के बाद हुई तैनाती
इससे पहले केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी का इस्तीफा काफी हैरान करने वाला रहा। उनके अचानक इस्तीफा देने की वजह केजीएमयू के ट्रामा सेंटर प्रशासन को भी समझ में नहीं आई। इस वजह से कहा गया कि कुलपति ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। हालांकि, अब डॉ. प्रेमराज सिंह को प्रभारी सीएमएस बना दिया गया है। वहीं डॉ. संदीप तिवारी ने इस्तीफा देने का कारण व्यक्तिगत बताया है। वह ट्रॉमा सर्जरी विभाग के अध्यक्ष हैं। इस पद पर वह बने रहेंगे। डॉ. संदीप का केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस पद से इस्तीफा इसलिए भी चर्चा में रहा, क्योंकि एक दिन पहले मीडिया सेल के इंचार्ज डॉ. संतोष कुमार को हटाकर सर्जरी विभाग के डॉ. केके सिंह को जिम्मेदारी दी गई है।

ट्रॉमा सेंटर में अव्यवस्थाओं का बोलबाला, बुनियादी सुविधाओं का अभाव
इस बीच ट्रॉमा सेंटर में कई प्रकार की अव्यवस्थाओं का भी खुलासा हुआ है। माना जा रहा है कि डॉ. संदीप तिवारी ने इसी वजह से सीएमएस के पद से इस्तीफा दिया है। हालांकि अपने इस्तीफे में उन्होंने इसकी वजह व्यक्तिगत बताई है। लेकिन, चर्चा है कि ट्रॉमा सेंटर में जिस तरह ग्लव्स और सिरिंज से लेकर रूई, पट्टी आदि सामान की किल्लत है और बुनियादी सुविधाओं को पूरी करने की मांग पर लंबे समय से ध्यान नहीं दिया जा रहा है, उसकी वजह से डॉक्टरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर उनमें नाराजगी भी देखने को मिल रही है। ऐसी स्थिति में ट्रामा सेंटर की व्यवस्था संभालना लगातार मुश्किल होता जा रहा है। कई बार मरीज की स्थिति गंभीर होने पर चिकित्सकों को तीमारदारों की नाराजगी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में डॉक्टर यहां के बजाय दूसरी जगह काम करना बेहतर समझते हैं। 

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