Lucknow News : किसान ने तैयार किया काली खेती का साम्राज्य, देश नहीं विदेशों में भी बेचते हैं फसल 

UPT | लखनऊ के किसान कर रहे काली खेती।

Feb 22, 2024 14:14

राजधानी लखनऊ के कनेरी गांव में एक किसान को काली खेती मालामाल बना रही है। किसान ने अपने खेत में काला लहसुन, काली अदरक, काला चिया सीड्स और अन्य फसलों को भी उगाया है। इसकी डिमांड विदेश तक में है। 

Short Highlights
  • किसान ज्ञानेंद्र ने 2 वर्ष पहले काले गेहूं और काले धान की खेती शुरू की
  • काला लहसुन, काली अदरक, काला चिया सीड्स और अन्य फसलों को भी उगाया
Lucknow News (योगेश मिश्रा) : जब भी हम काले साम्राज्य की बात सुनते हैं तो हम इसे नकारात्मक रूप से लेते हैं लेकिन राजधानी लखनऊ में एक किसान ने काली खेती के साम्राज्य को स्थापित किया है। इतना ही नहीं उन्हें काली खेती करने के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया।

कनेरी गांव में हो रही काली खेती
हम बात कर रहे हैं राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज तहसील के अंतर्गत आने वाले कनेरी गांव की, जहां ज्ञानेंद्र नाम के किसान ने खेती को एक अलग दिशा दी है। बीते दो वर्षों से ज्ञानेंद्र काली खेती ही कर रहे हैं जिससे उन्हें काफी मुनाफा भी हो रहा है। उत्तर प्रदेश टाइम्स की टीम कनेरी गांव पहुंची और अलग तरह से खेती करने वाले किसान ज्ञानेंद्र से बातचीत की।  

ऑनलाइन वीडियो देखकर शुरू की खेती 
किसान ज्ञानेंद्र ने बताया कि 2 साल पहले एक ऑनलाइन वीडियो देखकर उन्हें काली खेती के बारे में जानकारी मिली। उसके बाद उन्होंने काली खेती के बारे में पता करना शुरू किया। ज्ञानेंद्र बताते हैं कि इस खेती को करने से एक तरफ जहां स्वास्थ्य में सुधार होगा वहीं दूसरी तरफ किसानों की आय भी बढ़ेगी। ज्ञानेंद्र ने बायोलॉजी से इंटरमीडिएट किया है।

कौन-कौन सी फसल उगाते हैं 
ज्ञानेंद्र ने 2 वर्ष पहले काले गेहूं और काले धान की खेती शुरू की। इसके बाद काला लहसुन, काली अदरक, काला चिया सीड्स और अन्य फसलों को भी उगाया। वहीं इस बार वह कोलेस्ट्रॉल फ्री सरसों की खेती भी कर रहे हैं। ज्ञानेंद्र बताते हैं कि कई खेती से उगे हुए अनाज को खाने से हमारी बॉडी के फ्री रेडिकल्स समाप्त हो जाते हैं। बताते चलें फ्री रेडिकल्स वह विषैला अणु होते हैं जो भोजन के पाचन के समय हमारे शरीर में उत्पन्न होते हैं। यह हमारी कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचाते हैं।

कई जगह लगाया स्टॉल 
ज्ञानेंद्र ने कई जगह स्टॉल लगाए हैं, वह कई किसान मेलों में भी जाते रहते हैं। वहीं कानपुर में लगाए स्लॉट में उन्हें काली खेती करने के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। उन्होंने बताया कि देशभर से लोग उनसे संपर्क कर खेती के बारे में जानकारी लेते हैं।

देश-विदेश में बिकता है अनाज 
किसान ज्ञानेंद्र जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने काली खेती द्वारा पैदा किया गया अनाज को लखनऊ ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्र और देशभर में बेचा है। उत्तर भारत ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत के राज्यों से भी लोग उनसे अनाज खरीदने आते हैं। उन्होंने बताया कि वह अपना अनाज नेपाल में भी बेचते हैं।

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