उपभोक्ता परिषद का कहना है कि यदि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम को इसकी जानकारी नहीं थी तो दोनों मीटर निर्माता कंपनियों की जिम्मेदारी बनती थी कि वह मध्यांचल को इस बारे में अवगत कराती कि वह गोवा में ब्लैकलिस्टेड हो गईं हैं। इसलिए उनका बिड पार्ट नहीं खोला जाए।