यूपी के 5 जिलों में खुलने जा रहा जीएसटी ट्रिब्यूनल : कारोबारियों को विवाद निपटारे में मिलेगी बड़ी राहत, पुरानी मांग पूरी होने की उम्मीद

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Sep 23, 2024 15:42

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य के व्यापारियों के जीएसटी (माल एवं सेवा कर) से जुड़े विवादों के समाधान के लिए बड़ी पहल करने जा रही है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य के व्यापारियों के जीएसटी (माल एवं सेवा कर) से जुड़े विवादों के समाधान के लिए बड़ी पहल करने जा रही है। प्रदेश के पांच प्रमुख जिलों—लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, प्रयागराज और वाराणसी में जीएसटी ट्रिब्यूनल स्थापित किए जाएंगे। यह कदम व्यापारियों के लिए राहत लेकर आएगा, क्योंकि जीएसटी के तहत उठने वाले विवादों के निपटारे का मार्ग अब सुगम हो जाएगा।

जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन
इन ट्रिब्यूनलों में कुल चार सदस्य होंगे, जिनमें से दो न्यायिक सेवा से और अन्य दो में एक केंद्र सरकार और एक राज्य कर सेवा का अधिकारी शामिल होगा। राज्य कर मुख्यालय ने इस प्रस्ताव को शासन के पास भेज दिया है, और जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। ट्रिब्यूनल का उद्देश्य न्यायपालिका पर बढ़ते बोझ को कम करना और जीएसटी से जुड़े प्रशासनिक और कर विवादों का शीघ्र निपटारा करना है।

पुरानी मांग पूरी होने की उम्मीद
साल 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से, राज्य में मूल्य संवर्धित कर (वैट) के तहत विवाद निपटारे की पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया था। तब से व्यापारिक संगठनों द्वारा लगातार जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन की मांग की जा रही थी, ताकि टैक्स विवादों का समाधान न्यायिक स्तर पर किया जा सके। अब, इस नई पहल से व्यापारियों को बड़ी राहत मिलने की संभावना है।



व्यापारियों के लिए राहत का रास्ता
जीएसटी के तहत व्यापारियों के लिए न्यायिक मामलों की सुनवाई के लिए ट्रिब्यूनल का गठन न होने से, उनके पास केवल अधिकारियों के पास प्रार्थना पत्र देने या न्यायालय का रुख करने का विकल्प था। लेकिन ट्रिब्यूनल की स्थापना के बाद, व्यापारियों को अपने कर विवादों के लिए एक विशेष मंच मिलेगा, जहां उनके मामले सुने और निपटाए जा सकेंगे। यह व्यापारिक संगठनों की पुरानी मांग को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

न्यायिक और प्रशासनिक विवादों का समाधान
ट्रिब्यूनल न्यायिक संस्थाएं होती हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य न्यायपालिका पर दबाव को कम करना और कर या प्रशासनिक मामलों में त्वरित न्याय प्रदान करना होता है। इसका गठन व्यापारियों और कर अधिकारियों के बीच विवादों को सुलझाने के लिए किया जा रहा है, ताकि कर वसूली और कराधान से जुड़े मुद्दों का न्यायिक समाधान हो सके।

टैक्स वसूली और जांच का तंत्र
राज्य कर विभाग ने पहले से ही जीएसटी वसूली के लिए जोनल कार्यालयों और सचल दल इकाइयों का गठन कर रखा है, जो टैक्स चोरी और गलत कराधान के मामलों में कार्रवाई करती हैं। हालांकि, ट्रिब्यूनल की अनुपस्थिति में, व्यापारियों के पास अपने मामलों को अधिकारियों के समक्ष रखने या न्यायालय में अपील करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। अब ट्रिब्यूनल की स्थापना के बाद, उन्हें एक विशेष मंच पर अपने विवादों का समाधान प्राप्त होगा।

जल्द शुरू होगी प्रक्रिया
राज्य कर विभाग ने जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इसे लेकर व्यापारिक संगठनों में भी उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि इससे उन्हें अपने विवादों के शीघ्र निपटारे का एक सुगम मार्ग मिलेगा। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी, और उत्तर प्रदेश के 5 जिलों में जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन कर दिया जाएगा।

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