तिरुपति प्रसाद विवाद : लखनऊ के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर में बाहर का प्रसाद चढ़ाने पर रोक, सिर्फ इसकी दी गई इजाजत

UPT | mankameshwar mandir lucknow

Sep 23, 2024 09:04

तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रकरण के बाद मनकामेश्वर मंदिर की महंत ने अहम फैसला किया है। इसके तहत अब बाजार से लाए प्रसाद को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। सोमवार सुबह से इसे अर्पित करने पर रोक लगा दी गई।

Lucknow News: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट का खुलासा होने के बाद राजधानी के प्रमुख मंदिरों में भी सतर्कता बरती जा रही है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीम जहां प्रसाद के सैंपल की जांच में जुटी हुई है, वहीं मंदिर प्रबंधन भी अपने स्तर पर सतर्कता बरत रहा है। इसी कड़ी में लखनऊ के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर में अब बाहर से खरीदे गए प्रसाद को चढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सोमवार सुबह से इसकी शुरुआत हो गई। 

एक वर्ष पुराना है मनकामेश्वर मंदिर, लक्ष्मण जी ने की थी आराधना
गोमती नदी के तट पर स्थित मनकामेश्वर मंदिर लगभग 1000 वर्ष पुराना है। यह लखनऊ के प्रमुख मंदिरों में से एक है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान लक्ष्मण ने इस स्थान पर भगवान शिव की प्रार्थना की थी। यहां पर मनोकामना पूरी होने के कारण इसका नाम मनकामेश्वर पड़ा है। डालीगंज स्थित इस मंदिर में सावन और शिवरात्रि के मौके पर भारी भीड़ उमड़ती है। इसकेे अलावा सोमवार के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन पूजन के लिए आते हैं।



सोमवार सुबह से प्रतिबंध लागू, बाहर से लाया प्रसाद नहीं चढ़ा सके भक्त
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रकरण के बाद मनकामेश्वर मंदिर की महंत ने अहम फैसला किया है। इसके तहत अब बाजार से लाए प्रसाद को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। सोमवार सुबह से इसे अर्पित करने पर रोक लगा दी गई। मंदिर की पीठाधीश्वर महंत देव्यागिरी की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि नई व्यवस्था के तहत भक्त केवल घर पर तैयार किया हुआ प्रसाद या सूखे मेवे ही गर्भगृह में चढ़ा सकेंगे। महंत के आदेश केे बाद मंदिर प्रशासन की ओर से विशेष कार्याधिकारी जगदीश गुप्ता ने इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र भी जारी कर दिया है, जिससे श्रद्धालुओं को जानकारी हो सके और वह बाहर से प्रसाद की खरीद नहीं करें।

घर का बना प्रसाद और सूखे मेवे को चढ़ाने की इजाजत
मंदिर की ओर से बताया गया है कि तिरुपति मंदिर में लड्डू को लेकर हुए विवाद के बाद, महंत देव्या गिरि ने यह निर्णय किया है कि बाजार से लाया गया प्रसाद मंदिर में नहीं चढ़ाया जाएगा। इसके बजाय, भक्तों को अपने घरों में बने प्रसाद या सूखे मेवे लाकर पुजारी को अर्पित करना होगा। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य मंदिर की पवित्रता बनाए रखना और भक्तों के प्रसाद को सुरक्षित व शुद्ध बनाए रखना है। इस नियम के लागू होने से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को अपने प्रसाद की तैयारी में अतिरिक्त ध्यान रखना होगी, ताकि वे मंदिर के नए दिशानिर्देशों का पालन कर सकें।
 

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