Hardoi News : जान जोखिम में डाल टीन के पुल से गुजरते हैं ग्रामीण, 40 साल से दिक्कत झेल रहे 24 से ज्यादा गांव

UPT | ग्रामीणों ने बनाया था टीन से बना पुल

Sep 23, 2024 10:58

आजादी के बाद से अब तक हरदोई जिले के शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र के गांव हूंसेपुर करमाया समेत लगभग एक दर्जन गांवों के करीब 5,000 लोग प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर एक पुराना टिन का पुल पार कर रहे हैं। यह पुल सुखेता नाले पर बना है, जिसे ग्रामीणों ने 30-40 साल पहले गांव के प्रधान की मदद से बनवाया था।

Short Highlights
  • हरदोई का शाहाबाद विधानसभा का यह गांव विकास से कोसों दूर
  • हुसेपुर करमाया में 40 साल पहले बुजुर्गों ने बनवाया था टीन का पुल
  • ग्रामीण बोले-तमाम नुमाइंदे आए आश्वासन दिया और चले गए
  • जिलाधिकारी ने कहा-जल्द बनेगा हूंसेपुर करमाया गांव का पुल 
Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र के गांव हूंसेपुर करमाया समेत एक दर्जन गांवों के करीब पांच हजार लोग आजादी के बाद से जान जोखिम में डालकर टिन के पुल से गुजरने को अभिशप्त हैं। करीब तीन-चार दशक पहले गांव के प्रधान की मदद से ग्रामीणों ने सुखेता नाले पर टिन का पुल बनवाया था। 5जी के दौर में भी इलाके की हालत में कोई बदलाव नहीं आया। आज भी गांव वालों की करसेवा से खड़ा टीन का पुल ही 'लाइफ लाइन' है,  भले ही अस्पताल ले जाते वक्त किसी की जान दांव पर लग जाए।

शाहाबाद विधानसभा का यह गांव विकास से कोसों दूर 
जिला मुख्यालय से कोई 30 किलोमीटर की दूरी है शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र के हूंसेपुर करमाया गांव की। लेकिन, अमृत काल में भी इतनी नजदीक की बसावट अपनी बदहाली पर आंसू बहाती है। कोई 24 से ज्यादा गांवों के पांच हजार लोगों को टीन के पटरे के पुल से जाना आना होता है, जिस पर हर वक्त जान का खतरा रहता है। बीमार को ले जाते हुए कई बार जान भी चली जाती है। बाइक और साइकिल से गिर कर चुटहिल होना आम बात है।

40 साल पहले बुजुर्गों ने बनवाया था टीन का पुल 
गांव के अकील खान कहते हैं, सुखेता नाला पर बना टीन का पुल कोई 30 या 40 साल पहले बुजुर्गों ने बनवाया था। इस पुल से लगभग 5000 की आबादी रोज सफर करती है। इस पुल से दिक्कतें बहुत हैं। कई हादसे हुए, लोग गिरे और हाथ पैर टूटे। लेकिन, कोई रास्ता है नहीं दूसरा, बरसात में कोई बीमार हो जाता है तो अस्पताल ले जाने में बहुत दिक्कत होती है। कई बार मरीज जा नहीं पाता और घर पर ही दम तोड़ देता है।

तमाम नुमाइंदे आए आश्वासन दिया और चले गए
हमीद खां कहते हैं, पुल से कई हादसे हो चुके हैं। तमाम नुमाइंदे आए, आश्वासन दिया और चले गए, लेकिन पक्का पुल आज तक नहीं बन पाया। तहसीम खान, मोहम्मद उमर, युसूफ खां, शरीफ खां पक्के पुल की मांग करते हैं। बताते हैं, टीन का पुल जसरथपुर, हुमायूंपुर, चंदूपुर-खैराई, फत्तेपुर, रहीमपुर, नस्योली समेत दो दर्जन गांव जोड़ता है। इस रास्ते से शिरोमन नगर की बाजार बहुत पास खिसक आती है। दूसरे रास्ते से पांच किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है।

जिलाधिकारी ने कहा-जल्द बनेगा हूंसेपुर करमाया गांव का पुल 
हरदोई के जिला अधिकारी मंगला प्रसाद सिंह कहते हैं, हूंसेपुर करमाया गांव है। सूखेता नाला है, जिससे लोग आना जाना करते हैं, अधिक चौड़ा नहीं है। लोगों की पुलिया की डिमांड है, अच्छी मांग है। पीडब्ल्यूडी से इस्टीमेट लेकर जल्द निर्माण का प्रयास करेंगे।

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