एलडीए का कामकाज जल्द ही हाईटेक तरीके से होगा। कर्मचारियों को फाइले ढूंढने के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।
Lucknow News : लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) का कामकाज जल्द ही हाईटेक तरीके से होगा। कर्मचारियों को फाइले ढूंढने के लिए अब मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। फाइलों को दीमक और सीलन से बचाने की तैयारी भी की गई है। यही नहीं फाइलोंं के रिकार्डों के गायब होने का कोई खतरा होगा। इसके लिए एलडीए भवन में हाईटेक रिकार्ड रूम बनाया जाएगा। इसे बनाने में तीन करोड़ की लागत आएगी। बारकोड स्कैन से चुटकियों में मिलेगी फाइलों की जानकारी
बारकोड से ट्रेस होंगी फाइलें
हाईटेक रिकार्ड रूम में फाइलों और मानचित्रों को मोबाइल कॉम्पैक्टर स्टोरेज सिस्टम के तहत अत्याधुनिक तकनीकी से डिजाइन की गई बंद अलमारियों में रखा जाएगा। जब किसी फाइल की जरूरत होगी, तो केवल बारकोड स्कैन करने से यह तुरंत पता चल जाएगा कि फाइल किस स्थान पर रखी गई है। इससे न केवल फाइल खोजने में लगने वाला समय कम होगा, बल्कि फाइलें खोने या गुम होने की समस्या भी खत्म हो जाएगी। इस प्रकार से फाइलों को रखने से सीलन का खतरा नहीं होगा। दीमक भी नहीं लगेंगे। गैर ज्वलनशील सामग्री का प्रयोग किया जाएगा, जिससे आग के फैलने का खतरा कम होगा।
अब नहीं खोएंगी सरकारी फाइलें
एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने बताया कि प्राधिकरण में नजूल, इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट, सीलिंग, अर्जन, मानचित्र व सम्पत्ति आदि की हजारों महत्वपूर्ण फाइलें हैं। इसमें से नजूल व ट्रस्ट की कुछ फाइलें तो 18वीं सदी की हैं। वर्तमान में इन सभी फाइलों का रख-रखाव दो अलग-अलग जगह बने रिकार्ड रूम में किया जाता है। इसमें से एक रिकार्ड रूम लालबाग स्थित एलडीए कार्यालय और दूसरा गोमती नगर स्थित प्राधिकरण भवन की पुरानी बिल्डिंग में है। अलग-अलग स्थानों पर रिकार्ड रूम होने से पत्रावलियों को सहेज कर सुरक्षित रखने, ढूंढने और लाने और ले जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। फाइलों के गुम होने की शिकायतें भी सामने आती रहती हैं। इससे विभागीय कार्य तो बाधित होता ही है, आवंटियों को भी महीनों प्राधिकरण के चक्कर लगाने पड़ते हैं। अब एक ही जगह सारी फाइलें होने से उक्त समस्याएं नहीं रहेंगी।
1200 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनेगा हाईटेक रिकार्ड रूम
गोमती नगर के विपिन खंड स्थित एलडीए भवन की पुरानी बिल्डिंग में हाईटेक रिकार्ड रूम का निर्माण किया जाएगा है। यह रिकार्ड रूम बिल्डिंग के चौथे, पांचवें और छठे तल पर बनाया जाएगा। जोकि कुल 1200 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला होगा।
इस हाईटेक रिकार्ड रूम के लिए तीनों तलों पर कक्ष बने हुए हैं। रिकार्ड रूम के लिए बाहरी निर्माण कार्य पहले से ही पूरा हो चुका है और अब केवल आंतरिक काम शेष है। काम पूरा होने में लगभग दो से तीन महीने का समय लगेगा। उसके बाद हाईटेक रिकार्ड रूम को प्रयोग में लाना शुरू कर दिया जाएगा।
पुराने रिकॉर्ड का कराया जाएगा डिजिटाइजेशन
हाईटेक रिकार्ड रूम में दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन किया जाएगा, जिससे नजूल और इप्रूवमेंट ट्रस्ट समेत पुराने रिकॉर्ड को संरक्षित और सुरक्षित रखा जा सकेगा। रिकार्ड रूम का संचालन अत्यधिक संवेदनशील तरीके से किया जाएगा। केवल रिकॉर्ड अनुभाग के कर्मचारियों को ही इस कमरे में प्रवेश की अनुमति होगी। इसके लिए उन्हें एक्सेस कार्ड प्रदान किया जाएगा, जिससे केवल अधिकृत कर्मचारी ही रिकॉर्ड रूम में प्रवेश कर सकेंगे। हाईटेक रिकार्ड रूम बनाने की प्रक्रिया शुरू है। शीघ्र ही यह बन कर तैयार हो जाएगा।