लखनऊ विवि के प्रोफेसर का दावा : मछली का ओमेगा फैटी एसिड कैंसर के इलाज में कारगर

UPT | लखनऊ विश्वविद्यालय

Oct 10, 2024 21:14

लविवि जंतु विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर एम सेराजुद्दीन ने अपने शोध में दावा किया है कि मछली में पाए जाने वाले ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में कारगर साबित हो सकते हैं।

Lucknow News : लखनऊ विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर एम सेराजुद्दीन ने अपने शोध में दावा किया है कि मछली में पाए जाने वाले ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में कारगर साबित हो सकते हैं। उनका यह अध्ययन न्यूट्रिशन एंड कैंसर जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसमें बताया गया है कि नियमित रूप से मछली खाने वाले लोगों में कैंसर का खतरा कम होता है।

रिसर्च एंड डेवलपमेंट योजना में मिला अनुदान  
प्रोफेसर सेराजुद्दीन ने बताया कि इस शोध के लिए उन्हें सरकार की रिसर्च एंड डेवलपमेंट योजना के तहत अनुदान मिला था। उन्होंने बताया कि शोध में यह पाया गया कि मछली के सेवन से शरीर कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में सक्षम होता है।प्रोफेसर ने बताया कि कैंसर की रोकथाम के लिए उपयोग होने वाले ओमेगा-3 औषधीय पौधों के बीजों में भी पाए जाते हैं, लेकिन मछलियों में मौजूद ओमेगा-3 और ओमेगा-6 कई गुना अधिक प्रभावी हैं।



कैंसर कोशिकाओं को रोने में कारगर 
प्रो सेराजुद्दीन ने बताया कि इस शोध के लिए उन्होंने रोहू मछली के लिपिड का प्रयोग किया, जिसके लिए उन्होंने पुणे से प्रोस्टेट कैंसर की कोशिकाएं मंगवाईं। इस प्रयोग में जो परिणाम मिले, वे चौंकाने वाले थे। शोध के निष्कर्षों ने संकेत दिया कि मछली के लिपिड से कैंसर कोशिकाओं का विकास थम गया। साथ ही, कैंसर कोशिकाओं को प्यूफा से उपचारित करने पर भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। प्रोफेसर ने बताया कि कैंसर की रोकथाम के लिए मछलियों में मौजूद ओमेगा-3 और ओमेगा-6 कई गुना अधिक कारगर है।

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