Lucknow News : चेक से नहीं जमा होगा हाउस टैक्स, नगर निगम ने लगाई रोक

UPT | चेक से नहीं जमा होगा हाउस टैक्स।

Oct 12, 2024 11:51

लखनऊ नगर निगम ने हाउस टैक्स के भुगतान में चेक स्वीकार करने पर रोक लगा दी है। चेक लेकर आ रहे भवन स्वामियों को वापस भेजा जा रहा है।

Lucknow News : लखनऊ नगर निगम ने हाउस टैक्स के भुगतान में चेक स्वीकार करने पर रोक लगा दी है। चेक लेकर आ रहे भवन स्वामियों को वापस भेजा जा रहा है। साथ ही उन्हें अन्य भुगतान विकल्पों की जानकारी दी जा रही है। यह कदम लगातार बाउंस हो रहे चेक की बढ़ती संख्या और इससे होने वाले वित्तीय नुकसान को देखते हुए उठाया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में नौ करोड़ रुपये के चेक बाउंस हो चुके हैं। लिहाजा अब राजस्व निरीक्षकों के मोबाइल फोन पर क्यूआर कोड की सुविधा दे दी गई है, जिससे फील्ड पर ही हाउस टैक्स जमा कराया जा सके।

वित्तीय ​नुकसान से बचने के लिए बंद की सुविधा
पहले हाउस टैक्स केवल नकद और चेक से ही जमा किया जाता था। लेकिन समय के साथ भुगतान की सुविधा को बढ़ाने के लिए अन्य तरीकों को अपनाया गया। हाल ही में की गई जांच में यह सामने आया कि कई बार भवन स्वामियों पर दबाव पड़ने से वे चेक के माध्यम से भुगतान कर देते हैं, लेकिन उनके खातों में पैसे की कमी या अन्य कारणों से ये चेक बाउंस हो जाते हैं। कभी-कभी ऐसे बाउंस हुए चेकों को भुगतान रजिस्टर में दर्ज कर लिया जाता था। ऐसे में मिलान न होने पर नगर निगम को वित्तीय नुकसान होता है। एक अप्रैल से दस अक्टूबर तक की रिपोर्ट के अनुसार, 12,852 लोगों ने चेक के माध्यम से भुगतान किया। जिसमें 62.02 करोड़ रुपये जमा हुए। 



हाउस टैक्स जमा करने के लिए कई विकल्प
नगर निगम में हाउस टैक्स जमा करने के लिए कई विकल्प दिए हैं। इनमें भवन स्वामी सीधे काउंटर पर जाकर नकद भुगतान कर सकते हैं। आरटीजीएस, नेफ्ट और राजस्व निरीक्षकों के मोबाइल पर उपलब्ध क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान की सुविधा दी गई है। इसके अलावा डेबिट और क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी भुगतान किया जा सकता है। भारत बिल पेमेंट सिस्टम के साथ Imc.up.nic.in पर भी भुगतान करने की सुविधा है।

नगर निगम की आय पर पड़ रहा असर 
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि चार दिनों से चेक से हाउस टैक्स जमा करने पर रोक लगा दी है। काउंटर और फील्ड पर चेक से भुगतान लेने के लिए कर्मचारियों को मना कर दिया गया है। चेक बाउंस होने की लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए ऐसा किया गया। है। इससे नगर निगम की आय पर असर पड़ रहा था। पिछले वित्तीय वर्ष में नौ करोड़ की चेक बाउंस हुए थे।

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