सरकारी डॉक्टरों और कर्मचारियों को आदेश : अस्पताल या उसके पांच किलोमीटर के दायरे में ही रात को रूकें

UPT | Hospitals

Aug 11, 2024 16:09

हालांकि, यदि अस्पताल परिसर में स्थित सरकारी आवास जीर्ण-शीर्ण या रहने योग्य नहीं हैं, तो चिकित्सा कर्मियों को अस्पताल से पांच किलोमीटर के दायरे में निवास की व्यवस्था करने की छूट दी गई है...

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता में सुधार लाने के लिए एक नया आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों और स्टाफ को अब अस्पताल परिसर में ही रात्रि निवास करना होगा। यह कदम विशेष रूप से रात्रि के समय आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं और मेडिकोलीगल कार्यों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

अस्पताल से पांच किलोमीटर के दायरे में निवास
हालांकि, यदि अस्पताल परिसर में स्थित सरकारी आवास जीर्ण-शीर्ण या रहने योग्य नहीं हैं, तो चिकित्सा कर्मियों को अस्पताल से पांच किलोमीटर के दायरे में निवास की व्यवस्था करने की छूट दी गई है। यह आदेश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के लिए विशेष रूप से लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना है। यह पहल पहले से जारी किए गए समान आदेशों का विस्तार है, जो अब अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ लागू किया जा रहा है।

ग्रामीण अंचलों के स्वास्थ्य केंद्रों होगी यह सुविधा
प्रदेश के खासतौर से ग्रामीण अंचलों के सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रात में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के लिए कवायद शुरू की गई है। डॉक्टरों और अन्य चिकित्सकीय स्टाफ को अस्पताल परिसर स्थित आवास में ही निवास करने के लिए कहा गया है।  तैनाती स्थल पर ही निवास करने के आदेश पहले भी जारी किए जा चुके हैं। मगर तमाम पीएचसी और सीएचसी परिसर में बने आवासों की स्थिति ठीक नहीं है। अब नये आदेश में आवास की उपलब्धता न होने या जर्जर होने की स्थिति में चिकित्साधिकारियों और अन्य स्टाफ को उनके तैनाती वाले अस्पताल के पांच किलोमीटर के दायरे में निवास की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।

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