बिना चीरा लगाए होगी दिल की सर्जरी : KGMU ने निकाला हार्ट सर्जरी का नया तरीका, जल्दी होगी रिकवरी

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Dec 11, 2024 14:48

राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के सीवीटीएस विभाग में अगले साल से दिल की सर्जरी बिना चीरे के, सिर्फ मामूली छेद से की जा सकेगी। इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी सिस्टम स्थापित किया जाएगा।

Lucknow News : राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के सीवीटीएस विभाग में अगले साल से दिल की सर्जरी बिना चीरे के, सिर्फ मामूली छेद से की जा सकेगी। इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी सिस्टम स्थापित किया जाएगा। केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. केके सिंह ने बताया कि ओपन हार्ट सर्जरी में जहां खून अधिक बहता है और मरीज को अधिक खतरा रहता है, वहीं मिनिमली इनवेसिव सर्जरी में छोटे-छोटे छेद करके सर्जरी की जाती है, जिससे सर्जरी ज्यादा सुरक्षित और आसान होगी। इस तकनीक से दिल की सर्जरी का तरीका और भी प्रभावी बनेगा।

मिनिमली इनवेसिव तकनीक लागू होगी
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) में जल्द ही दिल की सर्जरी के लिए मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी तकनीक लागू की जाएगी। यह नई तकनीक केजीएमयू को प्रदेश सरकार द्वारा दी गई डेढ़ करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता से लागू की जाएगी, जिसका उद्देश्य दिल की सर्जरी को और भी आसान और सुरक्षित बनाना है, जिससे मरीजों की रिकवरी जल्दी हो सके।

हल्की छेद से होगी सर्जरी
मिनिमली इनवेसिव सर्जरी में छाती के बाएं ओर छोटे छेद के माध्यम से सर्जरी की जाती है। इसमें मांसपेशियों को अलग करके हड्डी को नुकसान पहुंचाए बिना दिल तक पहुंचा जाता है। नियमित हृदय सर्जरी के विपरीत, इस तकनीक में सभी धमनियों और पैर से निकाली गई नसों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे सर्जरी अधिक सटीक और सुरक्षित होती है।

सर्जरी के बाद जल्दी रिकवरी और कम जोखिम
इस सर्जरी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें खून की हानि कम होती है और संक्रमण का खतरा भी कम होता है। सर्जरी के बाद मरीज को अस्पताल से केवल दो से तीन दिन में छुट्टी मिल जाती है, जो इसे एक सुरक्षित और प्रभावी तकनीक बनाती है। इस विधि में सभी ब्लॉक्स को बाईपास किया जा सकता है, जिससे मरीज की रिकवरी तेज और सुरक्षित होती है।

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