कहते थे, मेरी गड्डी तो मारुति 800 : योगी के मंत्री ने किया मनमोहन सिंह को याद, पीएम कार्यकाल के दौरान सुरक्षा संभाल चुके असीम अरुण

UPT | असीम अरुण ने किया मनमोहन सिंह को याद

Dec 27, 2024 11:02

योगी सरकार में मंत्री और पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अपने पुराने दिनों को याद करते हुए एक भावुक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा, "मैं 2004 से लगभग तीन साल तक डॉ. सिंह का मुख्य बॉडीगार्ड रहा।

Lucknow News : देश के पूर्व प्रधानमंत्री और आर्थिक सुधारों के जनक डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार की रात दिल्ली में निधन हो गया। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य राजनीतिक हस्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार के सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।

एक युग का अंत
डॉ. मनमोहन सिंह अपनी सादगी और नीतियों के लिए जाने जाते थे। ये लंबे समय से बीमार चल रहे थे। गुरुवार को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने पर उन्हें एम्स, दिल्ली में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

असीम अरुण ने साझा की डॉ. सिंह के साथ की यादें
योगी सरकार में मंत्री और पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अपने पुराने दिनों को याद करते हुए एक भावुक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा, "मैं 2004 से लगभग तीन साल तक डॉ. सिंह का मुख्य बॉडीगार्ड रहा। एसपीजी में प्रधानमंत्री की सुरक्षा का सबसे अंदरूनी घेरा क्लोज प्रोटेक्शन टीम (CPT) होता है, जिसका नेतृत्व मैंने किया।" उन्होंने डॉ. सिंह की सादगी को याद करते हुए लिखा, "डॉ. साहब की एक ही निजी कार थी, मारुति 800, जो हमेशा पीएम हाउस में बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। वे अक्सर कहते थे, ‘असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गाड़ी तो यह है।’ उनकी यह सादगी और आम आदमी के लिए चिंता अद्भुत थी।"

सादगी से भरपूर एक महान नेता
असीम अरुण ने बताया कि प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए भी डॉ. मनमोहन सिंह मिडिल क्लास जीवनशैली को प्राथमिकता देते थे। यह उनके व्यक्तित्व की गहराई और आम लोगों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। असीम ने पोस्ट कर लिखा कि मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है - क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा। ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी। डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी - मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते- असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति)। मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है। लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है।
 
देशभर में शोक की लहर
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से देश में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "डॉ. सिंह एक असाधारण नेता और अर्थशास्त्री थे। जिन्होंने देश को नई दिशा दी। उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।" कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "डॉ. सिंह केवल एक राजनेता नहीं थे, वे भारतीय अर्थव्यवस्था के शिल्पकार थे। उनकी सादगी और उनके द्वारा उठाए गए ऐतिहासिक कदम हमारे लिए हमेशा प्रेरणा रहेंगे।"


डॉ. सिंह का योगदान और विरासत
डॉ. मनमोहन सिंह को 1991 में शुरू किए गए आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा। जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में सूचना का अधिकार कानून, मनरेगा और भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए गए।

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