सामूहिक विवाह फर्जीवाड़ा : घर-घर जाकर जांच होगी, गड़बड़ी मिली तो अफसर भी नपेंगे

UPT | सामूहिक विवाह फर्जीवाड़ा

Sep 07, 2024 12:46

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ उठाने में अनियमितताओं का पता लगाने के लिए सरकार ने मुखबिरों का सहारा लिया है। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने योजना से लाभान्वित परिवारों...

Lucknow News : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ उठाने में अनियमितताओं का पता लगाने के लिए सरकार ने मुखबिरों का सहारा लिया है। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने योजना से लाभान्वित परिवारों का सत्यापन करने के लिए अभियान शुरू किया है। योजना में अनियमितता पाए जाने पर अपात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों को दंडित किया जाएगा।

सुल्तानपुर में एक फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
इस जांच की शुरुआत सुल्तानपुर जिले में एक फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद हुई। जुलाई में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कई पहले से विवाहित महिलाओं को योजना का लाभ मिल गया था। अयोध्या मंडल के उप निदेशक समाज कल्याण की जांच में इस अनियमितता का खुलासा हुआ। इसके बाद सुलतानपुर जिले में चालू वित्तीय वर्ष में योजना के तहत हुई सभी शादियों का घर-घर जाकर सत्यापन करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में भी कम से कम 10 प्रतिशत शादियों का सत्यापन कराया जाएगा। समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण के निर्देश पर सुलतानपुर के एडीओ समाज कल्याण को निलंबित भी कर दिया गया है।

एक शादी में 51 हजार खर्च करती है सरकार
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रदेश सरकार प्रति जोड़ें पर 51 हजार रुपये खर्च करती है। इसमें से 35 हजार रुपये कन्या के खाते में जमा किए जाते हैं ताकि उसकी गृहस्थी की शुरुआत को मजबूत किया जा सके। इसके अलावा विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, पायल, बिछिया और बर्तन आदि पर 10 हजार रुपये खर्च किए जाते हैं। योजना के तहत दो लाख रुपये वार्षिक आय सीमा में आने वाले सभी वर्गों के परिवार पात्र होते हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान इस योजना के तहत कुल 1,04,940 जोड़े लाभान्वित हुए हैं। योजना में विधवा, परित्यक्ता और तलाकशुदा महिलाओं के लिए भी विशेष प्रावधान हैं।

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