ठंड में गर्म कपड़ों का धंधा मंदा : बाजार को ग्राहकों का इंतजार, कारोबार में 50 फीसदी तक की गिरावट

UPT | लखनऊ में गर्म कपड़ों का बाजार

Dec 18, 2024 12:03

लखनऊ में कड़कड़ाती ठंड की अनुपस्थिति ने गर्म कपड़ों के बाजार को सुस्त बना दिया है। पूरे दिन की खिली धूप और खुशनुमा मौसम ने गर्म कपड़ों की बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। थोक और फुटकर, दोनों तरह के कारोबार में 30 से 50 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है।

Lucknow News : दिसंबर के दूसरे सप्ताह से भले ही सर्दी ने जोड़ पकड़ा हो और लोगों की कंपकंपी छूट रही हो। लेकिन, आधा महीना गुजरने के बाद भी हाड़ कंपा देने वाली सर्दी  का प्रकोप कम देखने को मिल रहा है। कोहरे और शीतहर में इजाफा जरूर हुआ है लेकिन, दिन में धूप निकलने से लोगों को बड़ी राहत मिल रही है। ऐसे में हल्के गर्म कपड़ों के सहारे आधार दिन गुजर जा रहा है। सुबह के वक्त अलाव, हीटर, ब्लोअर से सर्दी दूर करने जैसी स्थिति नहीं है। इस वजह से गर्म कपड़ों का बाजार भी ठंडा है।

लखनऊ में हर साल होता है 200 करोड़ का कारोबार, इस पर बदले हालात 
लखनऊ में कड़कड़ाती ठंड की अनुपस्थिति ने गर्म कपड़ों के बाजार को सुस्त बना दिया है। पूरे दिन की खिली धूप और खुशनुमा मौसम ने गर्म कपड़ों की बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। थोक और फुटकर, दोनों तरह के कारोबार में 30 से 50 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है। अनुमान के अनुसार, लखनऊ में हर साल लगभग 200 करोड़ रुपये का गर्म कपड़ों का कारोबार होता है। लेकिन, इस बार हालात अलग हैं।



गर्म कपड़ों की बिक्री में भारी गिरावट
जैकेट, वूलन इनर वियर, टोपी, मफलर, दस्ताने और भारी कोट जैसी वस्तुएं ग्राहकों को आकर्षित करने में असफल रही हैं। सुबह और रात की ठंड को छोड़ दें तो दिनभर की धूप ने इन उत्पादों की मांग को सीमित कर दिया है। थोक व्यापारी और फुटकर विक्रेता दोनों ही ग्राहक न मिलने की शिकायत कर रहे हैं।

बाजार में गिरावट से कारोबारी परेशान
लखनऊ रेडीमेड होजरी एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने बताया कि इस बार दशहरे और कार्तिक पूर्णिमा के बाद बाजार में ग्राहकों की कमी देखी गई। गुलाबी सर्दी में केवल हल्के गर्म कपड़े बिके हैं। भारी गर्म कपड़ों का बाजार लगभग ठप है। थोक बाजार में बिक्री में 50 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है। इसी तरह फुटकर बाजार भी प्रभावित हुआ है। यूपी आदर्श व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष मोहम्मद अफजल ने बताया कि सर्दी कम होने के कारण फुटकर बाजार में 30 से 40 फीसदी तक की कमी देखी गई है। ब्रांडेड कंपनियां 15 दिसंबर के बाद सेल देना शुरू कर देती हैं, जिससे छोटे कारोबारियों को भी डिस्काउंट देना पड़ता है। जैकेट, पुलोवर, भारी कोट और इनर वियर की बिक्री अब तक कमजोर रही है।

गुलाबी ठंड ने बदले खरीदारों के रुझान
इस बार गुलाबी सर्दी में लोग भारी कपड़ों की बजाय हल्के वूलन और स्वेटर जैसी वस्तुएं ही खरीद रहे हैं। हल्के गर्म कपड़ों की बिक्री तो हो रही है। लेकिन, उनकी कीमत कम होने के कारण कुल कारोबार प्रभावित हुआ है। ग्राहक बाजार में कम आ रहे हैं, जिससे व्यापारी बड़ी मात्रा में स्टॉक भी नहीं मंगा रहे।

गर्म कपड़ों के व्यापार में 200 करोड़ का असर
शहर में हर साल सर्दियों के सीजन में करीब 200 करोड़ रुपये का गर्म कपड़ों का व्यापार होता है। व्यापारियों के अनुसार, सर्दी के देरी से शुरू होने और सीमित रहने के कारण यह लक्ष्य इस साल पूरा नहीं हो पाएगा।
ठंड बढ़ने पर ही अब संभल सकता है कारोबार 
मौसम का बदलाव : ग्लोबल वार्मिंग के कारण ठंड का प्रभाव देरी से देखने को मिल रहा है।
बदलते उपभोक्ता रुझान : ग्राहक भारी गर्म कपड़ों की जगह हल्के विकल्पों को चुन रहे हैं।
ब्रांडेड कंपनियों का प्रभाव : बड़ी कंपनियां डिस्काउंट और सेल देकर बाजार को प्रभावित कर रही हैं।
व्यापारियों की रणनीति : व्यापारी अब जनवरी के महीनों में ठंड बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं।
डिस्काउंट का सहारा : स्टॉक क्लियर करने के लिए डिस्काउंट और ऑफर्स की योजना बनाई जा रही है।

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