लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिरों में नवरात्रि की तैयारी शुरू : हनुमान सेतु में अब इस समय दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

UPT | हनुमान सेतु मंदिर

Sep 30, 2024 09:53

इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्‍टूबर से हो रही है। वहीं 11 अक्‍टूबर को महानवमी और 12 अक्‍टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्रि में शहर के सभी प्रमुख मंदिरों और सिद्ध पीठ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इस वजह से मंदिरों के समय में बदलाव किया जाता है।

Lucknow News : राजधानी में नवरात्रि को लेकर प्रसिद्ध मंदिरों में तैयारियों को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है। श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। इसके साथ ही मंदिरों केे समय में भी बदलाव किया जाएगा। शहर में अधिकांश मंदिरों में शारदीय नवरात्रि के साथ मंदिरों में दर्शन की व्यवस्था बदल दी जाती है। इसी कड़ी में प्रसिद्ध हनुमान सेतु मंदिर भी भी कपाट खुलने और बंद होने के समय में पहली नवरात्रि से बदलाव देखने को मिलेगा। 

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से
इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्‍टूबर से हो रही है। वहीं 11 अक्‍टूबर को महानवमी और 12 अक्‍टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। शारदीय नवरात्रि में शहर के सभी प्रमुख मंदिरों और सिद्ध पीठ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इसके साथ ही इसके बाद से जाड़े की शुरुआत होने लगती है। इस वजह से मंदिरों के समय में बदलाव किया जाता है।


 
हनुमान सेतु मंदिर में दर्शन पूजन का समय
लखनऊ विश्वविद्यालय के सामने स्थित हनुमान सेतु मंदिर के खुलने और बंद होने के समय में बदलाव किया जा रहा है। श्री संकट मोचन हनुमान जी मंदिर ट्रस्ट एवं बाबा नीम करोली जी महाराज आश्रम की ओर से बताया गया की 3 अक्टूबर से मंदिर सुबह 6:00 से दोपहर 1:00 तक खुला रहेगा। वहीं दोपहर बाद 3:00 बजे से रात 10:00 बजे तक श्रद्धालु दर्शन पूजन कर सकेंगे। इससे पहले मंदिर में चैत्र नवरात्रि के दौरान दर्शन पूजन के समय में बदलाव किया गया था। 

बाबा नीम करौली का है सिद्ध स्थान
हनुमान सेतु मंदिर बेहद प्रसिद्ध मंदिर है। इसे बाबा नीम करौली बाबा का सिद्ध स्थान कहा जाता है। मंदिर में नीम करौली बाबा की प्रतिमा भी मौजूद है। यह लखनऊ का एकलौता ऐसा मंदिर है, जहां पर नीम करौली बाबा की सबसे पहले प्रतिमा स्थापित की गई थी। बाबा नीब करौरी ने स्वयं इस मंदिर की स्थापना की थी। 

1967 में हुई थी स्थापना
1960 में गोमती में बाढ़ आ गई थी और गोमती के किनारे बाबा का आश्रम डूब गया था। बाद में सरकार की ओर से गोमती नदी के पुल का निर्माण करने का प्रस्ताव आया। इसके साथ ही बाबा नीम करौली ने हनुमान जी के मंदिर स्थापना का निर्णय लिया। 26 जनवरी 1967 में बाबा नीब करौरी ने हनुमान सेतु मंदिर का निर्माण कराया। मंदिर परिसर में हनुमान जी की प्रतिमा के साथ ही राम दरबार, देवी प्रतिमा और ​भव्य शिवलिंग की स्थापना की गई है। 
 

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