कुलपति ने कहा कि जैसे युद्ध और खेल हौसले से जीते जाते हैं, वैसे ही नीरज चोपड़ा और मनु भाकर ने भी अपने परिश्रम से सफलता हासिल की है। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों को उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके विश्वविद्यालय का नाम विश्व स्तर पर ऊँचा करने के लिए प्रेरित किया।