पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा कि तीनों मुठभेड़ों की कहानी लगभग समान है। हर बार, राजीव श्रीवास्तव के पीछे बैठा व्यक्ति फरार हो गया और पुलिस उसे दोबारा पकड़ने में असफल रही। यह पैटर्न संदेह पैदा करता है और इन घटनाओं में फर्जी मुठभेड़ की आशंका है।