UP Electricity : गांवों में महज 16 घंटे बिजली आपूर्ति पर यूपी को फटकार, 15 दिन में रिपोर्ट और प्लान तलब

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Aug 06, 2024 16:04

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने मंगलवार को बताया कि उपभोक्ता अधिकार कानून 2020 के तहत ग्रामीण और शहरी सभी को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति करने के लिए कानून बना था।  इसका प्रदेश में पिछले चार वर्षों से उल्लघंन हो रहा है।

Lucknow News : भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में पिछले चार वर्षों से ग्रामीण क्षेत्र को केवल 16 घंटे बिजली आपूर्ति दिए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को बिजली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। इसके साथ ही स्वत: मुआवजा कानून लागू करने के लिए कदम उठाने को कहा है। इस संबंध में 15 दिन में रिपोर्ट तलब की गई है। 

बिजली सप्लाई में रोस्टर पर उठते रहे हैं सवाल
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में उपभोक्ता अधिकार कानून 2020 के तहत सभी को 24 घंटे बिजली देने के मामले में बिजली कंपनियां फेल साबित हुई हैं। इस पर विद्युत नियामक आयोग ने क्या कार्रवाई की, इसकी रिपोर्ट 15 दिन में देने के साथ प्लान भी मुहैया कराया जाए। दरअसल उपभोक्ता अधिकार कानून-2020 की धारा 10 सभी को 24 घंटे बिजली का अधिकार देती है। ऐसे में यूपी में फिर से बिजली की सप्लाई में रोस्टर लागू करने की व्यवस्था पर सवाल उठते रहे हैं। ग्रामीण उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ग्रामीण उपभोक्ताओं को भी 24 घंटे बिजली देने की मांग लगातार कर रहा है। 

ग्रामीण उपभोक्ताओं को भी 24 घंटे बिजली का अधिकार
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने मंगलवार को बताया कि उपभोक्ता अधिकार कानून 2020 के तहत ग्रामीण और शहरी सभी को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति करने के लिए कानून बना था।  इसका प्रदेश में पिछले चार वर्षों से उल्लघंन हो रहा है। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने इस पर नाराजगी जताते हुए सख्त कदम उठाने को कहा है। कहा गया है कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 146 के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है।

नियामक आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात
वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता परिषद की लड़ाई आखिकरकार रंग लाई है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य से पुनः मुलाकात कर जनहित प्रस्ताव सौंपा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बिजली कंपनियों पर की सख्त कार्रवाई की जाए। बिजली कंपनियां स्मार्ट मीटर लगाने में तो आगे हैं। लेकिन, योजना के तहत 24 घंटे आपूर्ति देने में बेहद पीछे हैं। उपभोक्ता परिषद प्रदेश में बिजली की उपलब्धता होते हुए भी ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को लालटेन युग में रहने के लिए मजबूर करने का भी आरोप लगा चुका है।

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