Raebareli News : डिजिटल अरेस्ट होने से बाल-बाल बचा रायबरेली का सर्जन, जानें पूरा मामला

UPT | ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर डीपी सरोज

Sep 24, 2024 00:35

जिला अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की गई। बताते हैं कि सायबर अपराधी ने डॉक्टर से फोन के माध्यम से दो लाख रुपये मांगे।

Raebareli News : जिला अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की गई। बताते हैं कि सायबर अपराधी ने डॉक्टर से फोन के माध्यम से दो लाख रुपये मांगे। उस व्यक्ति ने सीबीआई अधिकारी बनकर डॉक्टर के खिलाफ क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज करने का दबाव बनाया। लेकिन डॉक्टर की सूझबूझ से उस ठग की दाल नहीं गली। सायबर थाने में पहुंचकर डॉक्टर ने एफआईआर दर्ज कराई है। 



मामला रायबरेली जिला अस्पताल में तैनात वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर डीपी सरोज के साथ का है। जालसाजों ने सोमवार को खुद को पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताकर डॉक्टर को झांसा दिया कि उनके खिलाफ क्राइम ब्रांच में केस दर्ज है। और 2 लाख दे दें तो जांच दबा दी जाएगी। साइबर सेल थाना प्रभारी बिंधय विनय यादव के प्रयास से डॉक्टर डिजिटल अरेस्ट ठगी का शिकार होने से बच गए। 

आपको बता दें कि लखनऊ जिले के वृंदावन कॉलोनी में रहने वाले डॉक्टर डीपी सरोज रायबरेली जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं। सोमवार को वह ओटी कक्ष में थे। इसी दौरान सुबह उनके पास फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताया और कहा कि 29 जुलाई को तुम्हारी आईडी से दिल्ली से एक सिम खरीदा गया था। सिम से अश्लील फोटो और मेल किये गए। मामला दबाना चाहते हो तो 2 लाख तत्काल बताए गए खाता संख्या में भेजो। इस पर डॉक्टर डीपी सरोज सतर्क हो गए और इसकी शिकायत उन्होंने साइबर क्राइम में की। 

कार्यवाही की मांग
ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर डीपी सरोज ने बताया कि उनके मोबाइल नंबर पर 9663 720365 के अनजान नंबर से कॉल आया। और कहा कि आपकी आईडी से 67674 1635 नंबर का सिम एक्टिव है जिस पर गलत एक्टिविटी हो रही है। फिर उन्हें वीडियो कॉल करके अकेले रूम में जाने को बोला। मैंने उनसे कहा कि मैं अभी ऑपरेशन में व्यस्त हूं। फिर दोपहर 2:00 बजे 8 106 13 2589 पर वीडियो कॉल करने को बोलकर मुझे डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश की गई। क्योंकि आजकल इस तरह के साइबर क्राइम का मामला बहुत चल रहे है तो मैं समझ गया कि यह कोई साइबर ठग है। तो मेरे द्वारा साइबर सेल में इसकी शिकायत की गई। इंस्पेक्टर को इसकी जानकारी दे दी गई है और कार्यवाही की मांग की है।

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