राहुल गांधी ने जेपी नड्डा को लिखा पत्र : रायबरेली एम्स में बुनियादी सुविधाओं की कमी, सांसद ने उठाया मुद्दा

UPT | राहुल गांधी

Oct 18, 2024 17:10

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने रायबरेली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है....

Raebareli News : नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने रायबरेली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। पत्र में राहुल गांधी ने बताया कि एम्स में बुनियादी सुविधाओं की कमी है, जिससे मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, उन्होंने मेडिकल स्टाफ की कमी के बारे में भी सवाल उठाए हैं, जो मरीजों के उपचार में बाधा डाल रहा है। यह पत्र स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और मरीजों की भलाई के लिए आवश्यक सुधारों पर जोर देता है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने दी जानकारी
रायबरेली के कांग्रेस जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी ने शुक्रवार को जानकारी दी कि राहुल गांधी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर एम्स में सुविधाओं की कमी पर ध्यान आकर्षित किया है। पत्र में राहुल गांधी ने उल्लेख किया है कि एम्स रायबरेली में बुनियादी ढांचे और जनशक्ति की गंभीर कमी है, जिसके कारण मरीजों और उनके तीमारदारों को बेहतर सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। यह स्थिति मरीजों के अनुभव पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।



तीमारदारों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग
राहुल गांधी ने मरीजों और उनके तीमारदारों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने एम्स के आधारभूत ढांचे की कमी पर भी चिंता व्यक्त की, विशेष रूप से ओपीडी, आयुष विभाग, छात्रों के होस्टल, नर्सिंग स्टाफ के ब्लॉक और पैरामेडिकल सुविधाओं की व्यवस्था में कमी के बारे में। उन्होंने यह भी बताया कि कई परियोजनाओं में देरी हो रही है। उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने हाल ही में अपने दौरे के दौरान एम्स का निरीक्षण किया था।

निरीक्षण में कई खामियां नजर आईं
सांसद राहुल गांधी ने कुछ महीने पहले एम्स का निरीक्षण किया था, जहां उन्हें संस्थान के विस्तार में कई खामियां नजर आईं। उन्होंने बताया कि एम्स में जनशक्ति की कमी गंभीर है। संस्थान में लगभग 2900 स्वीकृत पद होने चाहिए, लेकिन केवल 1626 पदों को ही मंजूरी दी गई है, जो अपर्याप्त है। दौरे के दौरान उन्हें बताया गया कि अतिरिक्त पदों के लिए एक प्रस्ताव फरवरी 2024 में मंत्रालय को भेजा गया था, लेकिन अभी तक उसकी मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है।

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