त्योहारों पर रेल टिकट की कालाबाजारी : फर्जी आईडी से बुकिंग का खुलासा, आरपीएफ की जांच तेज

UPT | Railway Station ticket counter

Oct 05, 2024 10:20

आरपीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि अधिकृत टिकट एजेंट भी पर्सनल आईडी का इस्तेमाल कर टिकट बुक कर रहे हैं और यात्रियों से अतिरिक्त रकम वसूल रहे हैं। स्थिति ये है कि दशहरा, दीपावली और छठ पूजा के दौरान दिल्ली, मुंबई और पंजाब से लखनऊ आने वाली ट्रेनों में कन्फर्म टिकट मिलना बेहद मुश्किल हो गया है।

Lucknow News : नौकरी, कारोबार के कारण घर से दूर रहने वाले लोग त्योहारों की खुशी परिवार के साथ मनाना चाहते हैं। इसके लिए वह पहले से ही ट्रेन में रिजर्वेशन कराने की कोशिश में हैं। ऐसे में रेल टिकटों की कालाबाजारी करने वाले भी सक्रिय हो गए हैं। एजेंटों ने फर्जी आईडी के जरिए सैकड़ों रेल टिकट बुक कर लिए हैं और इन्हें ऊंची कीमतों पर बेचने की तैयारी है। इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर तत्काल टिकटों में भी सेंधमारी करने की साजिश रची जा रही है। बताया जा रहा है कि लखनऊ आने-जाने के लिए करीब 2.35 लाख यात्री वेटिंग लिस्ट में हैं और ऐसे में टिकट दलालों का कारोबार फल-फूल रहा है।

अधिकृत एजेंट शक के दायरे में
आरपीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि अधिकृत टिकट एजेंट भी पर्सनल आईडी का इस्तेमाल कर टिकट बुक कर रहे हैं और यात्रियों से अतिरिक्त रकम वसूल रहे हैं। स्थिति ये है कि दशहरा, दीपावली और छठ पूजा के दौरान दिल्ली, मुंबई और पंजाब से लखनऊ आने वाली ट्रेनों में कन्फर्म टिकट मिलना बेहद मुश्किल हो गया है। वेटिंग लिस्ट में अभी से 150 से लेकर 200 तक का इंतजार चल रहा है।

प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर से तत्काल टिकटों में धांधली
लखनऊ के चारबाग स्टेशन के आसपास फर्जी आईडी से टिकट बुक करने वाला एक बड़ा रैकेट सक्रिय है। आरपीएफ की जांच में यह बात सामने आई है कि यहां कुछ एजेंट प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर की मदद से तत्काल टिकटों में भी धांधली कर रहे हैं। शहर में करीब दो हजार अधिकृत एजेंट काम कर रहे हैं, जिनमें से कुछ अपने अंडर में सब-एजेंट भी रखते हैं और फर्जी आईडी से टिकट बुक करते हैं।



फर्जी नामों से बनाते हैं कई आईडी 
आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर लॉगिन आईडी के माध्यम से एक महीने में अधिकतम छह टिकट बुक किए जा सकते हैं। एजेंट फर्जी नामों से कई आईडी बनाते हैं। आरपीएफ क्राइम ब्रांच की जानकारी के अनुसार, एक एजेंट ने करीब 200 फर्जी आईडी बना रखी हैं, जिससे वह हर महीने 1200 टिकट एडवांस में बुक कर सकता है। होली, दीपावली और छुट्टियों के मौसम में टिकटों की मांग अधिक होती है, और ऐसे में एजेंट इन्हें मुंहमांगे दाम पर बेचते हैं।

फर्जी आईडी से टिकट बनाने वालों के खिलाफ आरपीएफ का अभियान
उधर अधिकारियों के मुताबिक रेलवे टिकटों की कालाबाजारी, फर्जी आईडी से टिकट बनाने या प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने पर आरपीएफ कड़ी कार्रवाई करती है। आरपीएफ की धारा 143 के तहत ऐसे मामलों में केस दर्ज किया जाता है। टिकट दलाली में पकड़े जाने पर एक महीने की जेल या पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है। आरपीएफ ने फर्जी आईडी से टिकट बनाने वाले एजेंटों के खिलाफ अभियान चलाने की योजना बनाई है। रेलवे स्टेशनों और आरक्षण केंद्रों में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। साथ ही, अधिकृत एजेंटों की भी जांच की जा रही है। आरपीएफ जवानों की तैनाती से स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है।
 

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