प्रमुख सचिव ने बताया कि इस संबंध में 2022 में भी एक आदेश जारी किया गया था। लेकिन, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों ने इसका पालन सही तरीके से नहीं किया । इस नए शासनादेश के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कृषि भूमि को अन्य उपयोग के लिए घोषित करने से पहले सभी प्रक्रियाओं का पालन किया जाए और विकास प्राधिकरणों की अनुमति प्राप्त हो।