जनजाति भागीदारी उत्सव : 22 राज्यों के 600 कलाकार दिखाएंगे हुनर, विदेशी संस्कृतियों की दिखेगी झलक

UPT | जनजाति भागीदारी उत्सव को लेकर प्रेस वार्ता करते प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम।

Nov 08, 2024 20:49

यूपी सरकार बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस को जनजाति भागीदारी उत्सव के रूप में मनायेगी। यह उत्सव 15 से 20 नवंबर तक उप्र संगीत नाटक अकादमी और भागीदारी भवन में मनाया जाएगा।

Lucknow News : यूपी सरकार बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस को जनजाति भागीदारी उत्सव के रूप में मनायेगी। यह उत्सव 15 से 20 नवंबर तक उप्र संगीत नाटक अकादमी और भागीदारी भवन में मनाया जाएगा। इसमें जनजातीय जीवन की विविधताओं को दर्शाया जाएगा और देशभर के कलाकार अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे।

स्लोवाकिया-वियतनाम के कलाकारों की विशेष प्रस्तुतियां
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने शुक्रवार को पर्यटन निदेशालय में मीडिया से बातचीत में बताया कि पहली बार जनजाति भागीदारी उत्सव में स्लोवाकिया और वियतनाम के लोक कलाकारों की विशेष प्रस्तुतियां होंगी। उत्सव में भारतीय संस्कृति के साथ विदेशी संस्कृतियों की भी झलक मिलेगी। छह दिवसीय उत्सव में प्रतिदिन सुबह 11 बजे शिल्प मेला आयोजित होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम शाम साढ़े पांच बजे से शुरू होंगे। मेला रात नौ बजे तक चलेगा। इस दौरान समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने अंतरराष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव के प्रचार-प्रसार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।



यूपी में 10 दिन जनजाति गौरव पखवाड़ा
केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में लोकनायक बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया था। इस पहल के तहत 15 से 26 नवंबर 2024 तक यूपी के सभी जिलों में जनजाति गौरव पखवाड़ा मनाया जाएगा। इसमें जनजातीय समुदाय की संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ उनके उत्थान के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को भी प्रमुखता से प्रस्तुत किया जाएगा। आयोजन के सफल संचालन के लिए सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है।

22 राज्यों और विदेशों से भागीदारी
इस उत्सव में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उड़ीसा, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, बिहार, मिजोरम, मेघालय, पश्चिम बंगाल और दिल्ली समेत 22 राज्यों के 600 से अधिक कलाकार अपने पारंपरिक नृत्य, संगीत परिधान, वाद्य यंत्रों  का प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा उत्सव में विदेशी कलाकार भी शामिल होंगे।

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