Lucknow news: दो दून की रोटी की तलाश में सौ किलोमीटर दूर से लखनऊ आये पिता-पुत्र की सीवर की सफाई के दौरान मौत हो गयी। परिवार अनाथ हो गया। लखनऊ नगर निगम अब दर्दनाक से हादसे से पल्ला झाड़ते हुए कहा रहा है कि यह कार्य जलकल विभाग कर रहा था। सवाल ये है कि क्या बिना नगर निगम की अनुमति के जल निगम शहर में सीवर अथवा पाइप लाइन का कोई कार्य करा सकता है। अगर बिना अनुमति करा रहा था तो फिर क्या वह जल निगम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायेगा। देश भर में हर साल 1 मई को मज़दूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज भी मजदूर दिवस है, उसी दिन लखनऊ में 2 मजदूर अपनी ज़िन्दगी की जंग हार गए।
क्याहैपूरामामला- जानकारी के अनुसार जल निगम द्वारा राजधानी लखनऊ के वजीरगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शहीद स्मारक के पास साफ सफाई का काम चल रहा था जिसमें दो मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के मैनहोल में उतार दिया गया दोनों मजदूर डेढ़ घंटे तक मैनहोल में बेहोश पड़े रहे सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस, फायर डिपार्टमेंट, जलकल विभाग और नगर निगम की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर दोनों को बाहर निकाला। फिलहाल अभी दोनों मजदूरों की पर्सनल डिटेल नहीं मिल पाई है गंभीर अवस्था में बाहर निकाले गए दोनों ही मजदूरों को राजधानी लखनऊ के दो अलग-अलग अस्पताल केजीएमयू के ट्रामा सेंटर और बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया। जहां दोनों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
अधिकारियोंनेसाधीचुप्पी- उत्तर प्रदेश टाइम्स की टीम ने राजधानी लखनऊ के नगर निगम आयुक्त इंद्रजीत सिंह से जब बात किया तो उनका कहना है कि जल निगम विभाग द्वारा साफ सफाई का काम एक प्राइवेट कंपनी द्वारा करवाया जा रहा था वही दो मजदूर अचानक सीवर के साफ सफाई करने के दौरान बेहोश हो गए जिन्हें रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया है।
आठदिनपहलेभीहुईमौत- बताते चलें राजधानी लखनऊ के ही जानकीपुरम में 23 अप्रैल को 8 वर्षीय मासूम शाहरुख की मैनहोल में गिरने से मौत हो गई थी बावजूद इसके लापरवाह अधिकारियों की लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही फिलहाल शाहरुख की मौत के प्रकरण में नगर निगम द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई थी और XEN और JE को निलंबित कर दिया गया था।
सेफ्टीगैजेटनहींथेमौजूद- बताते चले जल निगम विभाग द्वारा कराए जा रहे हैं साफ सफाई के काम में जो मजदूर सीवर में उतरकर साफ सफाई कर रहे थे उनके पास किसी भी तरह का कोई सुरक्षा उपकरण नहीं था। बताते चलें सीवर में कई हानिकारक गैस जैसे हाइड्रोजन सल्फाइड, अमोनिया, मेथेन, एस्टर, सल्फर डाइऑक्साइड आदि पाई जाती हैं जो इंसान के लिए जानलेवा है। बावजूद उसके उन मजदूरों को किसी भी तरह का कोई सुरक्षा उपकरण नहीं दिया गया था।
लखनऊ जलकल विभाग द्वारा प्रेस नोट जारी करते हुए बताया गया कि मौके पर जलकल विभाग की कोई सीवर लाइन नहीं है दरअसल उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा नई सीवर लाइन के क्रियान्वयन के क्रम में प्राइवेट कंपनी केके स्पन फॉर्म के द्वारा साफ सफाई का काम करवाया जा रहा था जिसका जल निगम से कोई भी मतलब नहीं है। बहरहाल जिम्मेदार कोई भी विभाग हो दो मजदूरों ने अपनी जान गवा दी वही लापरवाह अधिकारी पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं।